अमूमन जब भी कोई लड़की शादी के लायक हो जाती है तो अधिकतर भारतीय घरों में लोग उसकी शादी कर विदा करने का प्लान बनाने लगते हैं. इस बात को नकारते हुए कि उसके भी कुछ सपने हो सकते हैं. मेरठ की रहने वाली संजू रानी के साथ भी ऐसा होने वाला था. लेकिन उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए घर छोड़ दिया और बन गई अफ़सर. 

संजू रानी ने आज से 7 साल पहले अपने सपने को पूरा करने के लिए घरवालों से ही बगावत कर दी थी. वो बचपन से ही अफ़सर बनने का ख़्वाब देखती थीं. मगर उनके सपने के बीच में बाधा बनकर खड़ी हो गई थी समाज की रूढ़िवादी सोच कि बेटी बड़ी हो गई अब इसे विदा करना ही बेहतर. 

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संजू पर ये दबाव 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद ही बनने लगा था. उनकी बड़ी बहन की शादी भी 12वीं पास करते ही कर दी गई थी. किसी तरह संजू ने घरवालों को ग्रेजुएशन करने के लिए मना लिया, लेकिन स्नातक करते ही फिर घरवाले शादी की बात पर अड़ गए.

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जब संजू ने देखा कि वो नहीं मानने वाले तो उन्होंने घर छोड़ने का ही फ़ैसला कर लिया. 2013 से वो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं. इन 7 सालों में उन्हें सर्वाइव करने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा. कभी ट्यूशन पढ़ाया तो कभी प्राइवेट जॉब करनी पड़ी. लेकिन संजू ने हार नहीं मानी. 

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आख़िरकार उनकी मेहनत रंग लाई और वो इस साल UPPCS की परीक्षा पास करने में कामयाब रहीं. संजू अब IAS ऑफ़िसर बनने की तैयारी कर रही हैं. उनकी ख़्वाहिश है कि वो मेरठ में ही एक दिन कलेक्टर बनकर आएं.

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