एक महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती है और महिलाएं एक साथ हो जाएं, तो अपने ख़्वाबों को हक़ीक़त बनने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगता. आज हम आपको मिलवाएंगे लड़कियों के एक ऐसे ही ‘गैंग’ के बारे में जिन्होंने वो कर दिखाया, जिसकी चाहत शायद हर महिला के दिल में होती होगी.

गैंग इसलिए बोला कि सिर्फ़ लड़कों के समूह को गैंग शब्द से क्यों जाना जाए. चलिए पहले मिलिए स्वाति सिंह से. 36 साल की स्वाति ने 8 मार्च 2016 को अपनी मार्केटिंग की अच्छी खासी जॉब छोड़ कर शुरू किया अपना एक म्यूज़िक बैंड, जिसका नाम उन्होंने रखा ‘वुमनिया बैंड’. उस वक़्त स्वाति ने अपने बैंड में 16 साल की श्रीविद्या कोटनाला को शामिल किया और शुरूआत की ‘वुमनिया बैंड’ की.

स्वाति गिटारिस्ट थीं और सिंगर भी, वहीं श्रीविद्या एक ड्रमर. मगर दो लोगों से बैंड नहीं बन सकता था. स्वाति ने धीरे-धीरे शाकुम्बरी कोटनाला, विजुल चौधरी को भी अपने बैंड में शामिल किया और उनका बैंड पूरा हुआ.
स्वाति के बचपन का सपना था कि उनका अपना बैंड हो, जिसे पूरा करने के लिए वो सरकारी स्कूल में काम भी करती रहीं. साथ ही कुछ समय बाद मार्केटिंग की अच्छी जॉब भी की. लेकिन बैंड का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने इन सब को त्याग दिया और अपना बैंड बना लिया.

बैंड के सदस्य बताते हैं कि क्लासिकल फ़्यूज़न ’और ‘सूफ़ी फ़्यूज़न’ उनकी विशेषता है, बैंड सामाजिक मुद्दों जैसे दहेज, महिला सशक्तिकरण, और कई अन्य मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर गाने और शोज़ को रिलीज़ करता रहता है.
Chak De India!!!! 🇮🇳🇮🇳#HappyIndependenceDay2019 #IndependenceDayIndia #HappyIndependenceDay #15August2019 pic.twitter.com/P1lae0cfKv
— Womeniya Band (@WomeniyaBand) August 15, 2019
14 साल के लंबे संघर्ष के बाद फल मिलना शुरू हो गया है, क्योंकि सिंह कहती हैं कि स्थिरता के लिए किसी के जुनून को जीने से ज़्यादा ख़ुशी और किसी काम में नहीं मिलती. उनके संघर्ष को याद करते हुए बैंड के सदस्यों ने कहा कि उन्हें शुरुआती छह महीनों के लिए मुफ़्त में शोज़ करने थे.

इस बैंड में एक मां बेटी की जोड़ी भी है. जी हां, शाकुम्बरी कोटनाला और उनकी बेटी श्रीविद्या कोटनाला हैं. श्री जो बैंड की लीड ड्रमर हैं, जिनको म्यूज़िक ट्रेनिंग खुद स्वाति सिंह ने दी. श्री ने म्यूज़िक सीखने की शुरूआत 8 साल की उम्र से की थी.
Thank you all!!❤ pic.twitter.com/2agcgnXSvT
— Womeniya Band (@WomeniyaBand) November 25, 2019
आज वुमनिया का पूरे देश से प्रफोर्म करने के लिए पूछा जाता है. हर राज्य के लोग इन्हें लाईव सुनना चाहते हैं. सोशल मीडिया पर इनके लाखों फ़ैंस हैं.
To Chandlers and Joeys
— Womeniya Band (@WomeniyaBand) October 3, 2019
Rachels and Monicas
Cory and Shawns
Jais and Veerus
Sonus and Titoos …out there…
The friends who became our family!
And ’till the end, you’re my very best friend……. pic.twitter.com/n0xuGkIqgz
महिला सशक्तिकरण का ऐसा उदाहरण न सिर्फ़ महिलाओं को बल्कि हर किसी को ताकत और सन्देश देता है कि अपने सपने और अपने पैशन को फ़ॉलो करने में डरने की ज़रूरत नहीं, ज़रूरत है इसे पूरा करने के जुनून की.