फ़र्ज़ करिए आपको एक अंधेरे कमरे में ले जाया जाए, ज़मीन पर आपको फेंका जाए और आपके हाथ और पैर कसकर पकड़ लिए जाए. इसके बाद आपकी अंडरवियर उतारी जाए. अंधेरे में आपको चमचमाता ब्लेड, चाकू या कोई और धारदार औजार दिखे. और इसके बाद वो धारदार औजार से आपके प्राइवेट पार्ट का एक अंश काट दिया जाए. और ये सब बेहद छोटी सी उम्र में हो.

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अंदर तक सहमा देने वाली ये घटना हर साल लाखों लड़कियों के साथ घटती है. ये ग़लतफ़हमी है कि ये सब अफ़्रीकी देशों में होता है. हमारे देश में भी कुछ समुदाय है जो Female Genital Mutilation (FGM) या लड़कियों का खतना करवाते हैं. कई घरों में अंधेरे कमरों में बच्चियों की चीखें दबाई जाती हैं और उनके शरीर का एक हिस्सा अलग कर दिया जाता है.

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क्या होता है Female Genital Mutilation? 

FGM एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के किसी हिस्से को काटा जाता है.  

WHO के अनुसार दुनिया में 4 तरह के FGM होते हैं- 

1. Clitoral Gland का कुछ हिस्सा या उसे पूरी तरह हटाना 
2. Clitoris के External, Visible Parts और Vulva के Inner Folds को हटाना
3. Infibulation यानि Vaginal Opening को बंद कर देना.
4. फ़ीमेल प्राइवेट पार्ट के साथ किए जाने वाले अन्य कृत्य, जिसमें Piercing, Pricking, Incising, Scrapping, Cauterization शामिल हैं.

WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, 30 देशों में 200 मिलियन से ज़्यादा लड़कियों के साथ FGM हुआ है. ये गिनती उन लड़कियों की है जो इस प्रथा से गुज़रने के बाद भी ज़िन्दा रहीं.

2018 में आई एक रिपोर्ट की मानें तो भारत के 75 प्रतिशत बोहरा मुस्लिम समुदाय की लड़कियों के साथ FGM हुआ है.  

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किन देशों में होता है लड़कियों का FGM?

The Indian Express की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बुर्किना फ़ासो, सेन्ट्रल अफ़्रिकन रिपब्लिक, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कॉन्गो, सुडान, मिस्त्र, ओमान, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, इराक़, ईरान, जॉर्जिया, रशियन फ़ेडरेशन, कोलंबिया, पेरू, चाड, समेत कई देशों में FGM किया जाता है.

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क्यों किया जाता है?

Female Genital Mutilation या लड़कियों का ख़तना एक ऐसी प्रथा है जिसका एकमात्र उद्देश्य महिलाओं की Sexual Freedom छीनना है. कई समुदायों में लड़कियों की वर्जिनिटी सुनिश्चित करने के लिए भी FGM किया जाता है.

इस प्रथा की वजह से हर साल लाखों लड़कियों और महिलाओं की मौत हो जाती है.

भारत में Female Genital Mutilation 

भारत में FGM को ‘ख़फ़्ज़’ कहा जाता है. दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में लड़कियों का ख़फ़्ज़ किया जाता है. 2018 में मासूमा रानाल्वी के पीआईएल पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रथा को संविधान के अनुच्छेद 21 और 15 का उल्लंघन बताया था. जस्टिस दीपका मिश्रा, जस्टिस ए.एम.खानविल्कर और जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ ने कहा था कि FGM अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है और इससे बच्चियों को मानसिक आघात पहुंचता है.


मासूमा रानाल्वी, मारिया करीमजी, मरियम दाहिर, लैला हुसैन, इफ़्राह अहमद Rugiatu Turay समेत देश और दुनिया के कई एक्टिविस्टिस, इस कुप्रथा पर पाबंद लगाने के लिए काम कर रहे हैं. मासूमा रानाल्वी ने भारत में कई पीआईएल दायर किए, प्रधानमंत्री मोदी को ओपन लेटर लिखा लेकिन भारत में आज भी इस प्रथा पर पाबंदी नहीं लगी है.  

Kent Fire & Rescue Service

हमारे समुदाय में ऐसा नहीं होता कहने के बजाए जो इस प्रथा के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं हमें उनका साथ देना चाहिए.