हमारे देश में ऐसी कई महिलाएं हुई हैं, जिन्होंने अपनी बुद्धिमानी और वीरता से भारत मां को गर्व महसूस कराया. बात जब आज़ादी की आई तो रानी लक्ष्मी बाई ने निडर होकर अंग्रेज़ों का सामना किया. इसी देश में कल्पना चावला, ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी और Weather Women अन्ना मणी भी हुई हैं. आज हम अन्ना मणी (Anna Mani) के बारे में जानेंगे कि वो कौन हैं और क्यों उन्हें Weather Women कहा जाता है?

Anna Mani
Image Source: assettype

अन्ना मणी का जन्म 23 अगस्त 1918 को केरल के पीरमेद (Peermade) के सीरियाई क्रिश्चियन परिवार में हुआ था. इनके पिता एक सिविल इंजीनियर थे. अन्ना के 8 भाई-बहन थे, जिनमें वो सांतवें नम्बर पर थीं. अन्ना की बचपन से ही पढ़ने में रुचि के चलते उन्होंने 8 साल की उम्र में ही पब्लिक लाइब्रेरी की सारी मलयालम पुस्तकें और 12 साल तक सारी अंग्रेज़ी पुस्तकें पढ़ डाली थीं.  पढ़ने के साथ-साथ वो गांधी जी के वाइकोम सत्याग्रह और राष्ट्रवादी स्वतंत्रता आंदोलन से इतनी प्रभावित थीं कि उन्होंने बचपन से ही खादी को अपना लिया था.

Anna Mani
Image Source: business-standard

केरल की रहने वाली अन्ना मनी को पढ़ने और सामाजिक कामों के अलावा डांस में भी गहरी रुचि थी, लेकिन उन्होंने डांस को नहीं, बल्कि पढ़ाई को चुना और 1939 में चेन्नई से Physics विषय में ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन किया. फिर इसके अगले साल इन्हें बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान में शोध कार्य के लिए स्कॉलरशिप भी मिली, जहां उन्होंने सौर ऊर्जा और पवन गति के मापन के लिए उपकरण बनाने के लिए वर्कशॉप आयोजित की. इसके बाद, हायर एजुकेशन के लिए वो लंदन गईं और वहां के इंपीरियल कॉलेज (Imperial College London) से मौसम विज्ञान के उपकरणों में विशेषज्ञता हासिल कर वापस अपने देश आईं.

Anna Mani
Image Source: ctfassets

अन्ना भौतिकविद (Physicist) होने के साथ-साथ मौसम वैज्ञानिक (Meteorologists) भी थीं. इन्होंने भारत के महान वैज्ञानिक सी. रमन के नेतृत्व में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Raman Research Institute) में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में काम किया था. इसके अलावा, अन्ना ने मौसम विज्ञान के उपकरण के साथ-साथ सौर विकिरण, ओजोन और पवन ऊर्जा पर कई प्रकाशित शोध कार्य किए. अन्ना का मौसम विज्ञान और ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है.

Anna Mani
Image Source: trendtopz

अन्ना को मौसम विज्ञान के उपकरण की अच्छी समझ थी, जिसके चलते उन्होंने 100 अलग-अलग मौसम उपकरणों के चित्रों का मानकीकरण किया क्योंकि वो चाहती थीं कि भारत ख़ुद के मौसम उपकरण विकसित करे. इतना ही नहीं, अन्ना ने 1957-58 में सौर विकरण के मापन के लिए स्टोशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया और ओजोन मापन का उपकरण भी बनाया था.

Anna Mani
Image Source: thebetterindia

अन्ना अपने कामों में इतनी रची-बसी और समर्पित थीं, कि उन्होंने कभी शादी नहीं की. वो The National Academy of Sciences, International Solar Energy Society, विश्व मौसम विज्ञान संगठन जैसी कई नेशनल और इंटरनेशनल संस्थाओं की सदस्या थीं.

Anna Mani
Image Source: thebetterindia

आपको बता दें, अन्ना मनी 1976 में India Meteorological Department  के डिप्टी डायरेक्टर जनरल के पद से रिटायर हुईं. इन्हें 1987 में के. आर. रामानाथन पदक से सम्मानित किया गया था. इसके बाद, 1994 में अन्ना को स्ट्रोक हुआ, जिसकी वजह से वो बीमार रहने लगीं और 16 अगस्त 2001 में तिरुवनंतपुरम में वो वीरगति को प्राप्त हो गईं. अन्ना भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपने कामों से वो हर भारतीय महिला के लिए एक प्रेरणा है.