NASA का मंगल यान Perseverance Rover सफ़लतापूर्वक लाल ग्रह पर लैंड कर चुका है. इसे वहां पर पहले जीवन था कि नहीं, ये जानने के लिए भेजा गया है. एक तरफ़ जहां पूरी दुनिया अमेरिका के इस कारनामे की तारीफ़ करते नहीं थक रही थी, वहीं हम भारतीय इससे जुड़ा इंडियन कनेक्शन देख गर्व महसूस कर रहे हैं.
दरअसल, नासा की Perseverance Rover को जिस महिला वैज्ञानिक ने सफ़तापूर्वक मंगल ग्रह पर उतारा है, वो भारतीय मूल की हैं. इनका नाम डॉ. स्वाति मोहन है, जो NASA में कई सालों से काम कर रही हैं.
डॉ. स्वाति मोहन भारतीय मूल की वैज्ञानिक हैं. वो एक साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गई थीं. स्वाति जी ने नासा के मार्स मिशन 2020 के Guidance, Navigation, and Controls (GN&C) Operations के लीडर की कमान संभाली थी.
उनकी अगुवाई में नासा की टीम ने मंगल यान से जुड़े सारे पहलुओं पर काम किया. इसे कैसे कंट्रोल करना है, किस तरह बिना हानि पहुंचाए लैंड करना है और कैसे इसे अंतरिक्ष के चक्कर लगाते रहने के लिए तैयार करना है. ये सब इन्होंने ही देखा. Perseverance Rover के मार्स पर उतरने से पहले की पल-पल की जानकारी सोशल मीडिया पर भी स्वाति जी ने शेयर की थी.
स्वाति जी ने अमेरिका की Massachusetts Institute Of Technology से ऐरेनॉटिक्स में पीएचडी की है. आम लोगों की तरह इन्हें भी बचपन में नहीं पता था कि ये आगे चलकर क्या बनेंगी. लेकिन टीवी पर स्टारट्रेक सीरीज़ को देख वो ब्रह्मांड को जानने को उत्सुक हो गईं.
कॉलेज में फ़िजिक्स के टीचर ने उन्हें ब्रह्मांड को समझने में मदद की. फिर स्वाति ने तय कर लिया कि वो भी एरोनॉटिकल इंजीनियर बनेंगी. उनकी मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि वो दुनिया की सबसे बड़ी स्पेस एजेंसी के साथ काम कर रही हैं.
इस मिशन से पहले स्वाति जी नासा में कई महत्वपूर्ण मिशन्स का हिस्सा रह चुकी हैं. इन्होंने शनि ग्रह से जुड़े Cassini और च्रंदमा से जुड़े GRAIL मिशन के लिए सराहनीय काम किया है. Perseverance Rover के साथ स्वाति जी 2013 से जुड़ी हैं. फ़िलहाल स्वाति जी नासा के लिए Jet Propulsion Laboratory कैलिफ़ोर्निया में काम कर रही हैं.