गांवों में आज भी महिलाएं मासिक धर्म को लेकर बिल्कुल भी सतर्क नहीं रहती और इसी वजह से पीरियड्स के दौरान वो सैनेटरी पैड की जगह कपड़े का इस्तेमाल करना उचित समझती हैं. ये बात सुनने में जितनी हल्की लग रही है, इसका परिणाम उतना ही ख़तरनाक है.

दरअसल, दुनियाभर में सर्विकल कैंसर के एक चौथाई से अधिक मरीज़ भारत से हैं. वहीं ग्रामीण महिलाएं इस ख़तरनाक बीमारी का सबसे अधिक शिकार बन रही हैं. महिलाओं में काफ़ी तेज़ी से फ़ैल रहे इस रोग का पता लगाने के लिए, महाराष्ट्र में महिलाओं के सैनेटरी पैड को इक्ठ्ठा किया गया और ऐसे में सामने आई एक बेहद हैरान कर देने वाली जानकारी.

कैंसर पर हुई रिसर्च के मुताबिक़, भारत में रहने वाली करीब 90 फ़ीसदी महिलाएं सैनेटरी पैड की जगह कपड़े का इस्तेमाल करती हैं. टाटा मेमोरियल सेंटर और राष्ट्रीय प्रजनन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस्तेमाल किये गए सैनिटरी पैड में लगे ख़ून के धब्बे से HPV इंफे़क्शन की जांच की, जिसे सर्विकल कैंसर के मुख्य कारकों में माना जाता है.

गंभीर मुद्दे पर बात करते हुए डॉक्टर अतुल बुदुक ने बताया, ‘इस जांच में 24 महिलाओं में HPV पॉजीटिव पाया गया, जिन्हें फ़िलहाल इलाज के लिए भेजा गया है. डॉक्टर आगे बताते हैं कि महिलाओं को जब तक इस रोग के बारे में पता चलता है, तब तक रोग अपनी चरम अवस्था में फैल चुका होता है.’

इस शोध के लिए 30 से 50 उम्र के बीच की 500 उन महिलाओं को चुना गया, जिन्हें कभी कैंसर नहीं हुआ. ये महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ थी और इनके पीरियड्स भी नियमित थे.

रिसर्च के अनुसार, प्राइवेट पार्ट्स की सफ़ाई न करना यानि डिस्प्लेज़िया सर्विकल कैंसर के महत्वपूर्ण कारकों में से एक है और इस ख़तरे को कपड़े से बने सैनिटरी पैड और बढ़ा देते हैं.

ज़रा सी लापरवाही आपकी जान ले सकती है, इसीलिए सावधान रहें, सुरक्षित रहें.