तेलंगाना की 49 वर्षीय चिकपल्ली अनासुम्मा को 22 गांवों में 2 मिलियन से अधिक पेड़ लगाने के लिये UNESCO अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. चिकपल्ली अनासुम्मा तेलंगाना के रंगारेड्डी ज़िले के पास्तापुर गांव की रहने वाली हैं, जो पर्यावरण के प्रति अपना अहम योगदान दे रही हैं. वो डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी की मेंबर भी हैं.
चिकपल्ली अनासुम्मा ने बंजर ज़मीन में हरियाली लाने के लिये पास्तापुर में एक समूह का गठन किया. इसके साथ ही पास के ग्रामीण इलाकों में खाली पड़ी ज़मीन को हरे-भरे जंगल में तब्दील कर दिया.
अनासुम्मा ने कैसे किया इतना बड़ा बदलाव?
नौकरी करते-करते उन्हें पर्यावरण के लिये ख़्याल आया और उन्होंने तय किया कि वो अपनी ज़िंदगी का बाकि हिस्सा पर्यावरण के हित में बितायेंगी. बस अपनी इसी सोच के चलते के वो डेक्कन डेवलपमेंट सोसाइटी से जुड़ी. इसके बाद उन्होंने वृक्षारोपण के ज़रिये कई जगहों पर पेड़-पौधे लगाये.
क्या है डीडीएस?
अनासुम्मा ने वृक्षारोपण का ऐसा सिलसिला शुरू किया कि उन्होंने एक के बाद एक 22 गांवों तक पहुंचते हुए, 2 मिलियन से अधिक पेड़ लगा दिये. इसके साथ ही वो गांवों में महिलाओं को नर्सरी विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करने का काम भी करती हैं.
अनासुम्मा के इस कार्य की जितनी सराहना की जाए कम है और जो काम उन्होंने कर दिखाया है उससे सीख लेते हुए एक कदम हमें भी पर्यावरण के हित में उठाने की ज़रूरत है.
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