‘अबे सुन, एक नई बात पता चली है.’
‘क्या पता चल गया तुझे’
‘ज़रा पास आ, यहां बहुत से लोग हैं, लड़कियां भी हैं.’
‘ले अब बोल कौन सा राज़ पता चल गया तुझे?’
‘अबे लड़कियां भी Masturbate करती हैं…’
‘तो ये तुझे अभी पता चला, ये ज्ञान तो हमें बहुत पहले से प्राप्त है. मैं तुझे एक कहानी का लिंक Forward करूंगा. पढ़ लेना, क्या तो लिखा है उस लड़की ने…!’
ये थी वो कहानी…
Masturbation… मेरा इस लफ़्ज़ से परिचय स्कूल की 10वीं जमात में हुआ. शिक्षक ने Reproduction के Chapter पर अच्छा-खासा वक़्त लगाया था. आज भी याद है उन्होंने कहा था कि Reproduction के बारे में अच्छे से समझना ज़रूरी है. उसी Chapter में पढ़ा था Masturbation के बारे में. शब्द को पढ़ना जितना आसान था उसे समझना उतना ही मुश्किल.
इंटरनेट की दुनिया भी बड़ी मज़ेदार है, ढूंढने कुछ जाओ और मिलता कुछ और ही है. तो हमने भी इसी का सहारा लेने की सोची. इन सब कामों के लिए रात का वक़्त ही सेफ़ होता है, चुपके से कंप्यूटर चालू किया और इंटरनेट पर लग गई. सर्च ऑप्शन में टाइप किया, Masturbation. गूगल ने भी कमाल किया, 0.52 सेकेंड में ही लाखों रिज़ल्ट दे डाले. गूगल की सहायता से ही जाना की Male और Female Masturbation के भी अलग-अलग तरीके होते हैं.
ढूंढने निकले थे कुछ, मिल गया कुछ और. 15 साल की उम्र में Porn से वो मेरी पहली मुलाकात थी. अब वीडियो खुल ही गया था तो 4 मिनट तक बंद भी नहीं कर पाई. उसमें एक पुरुष अपने Penis के साथ छेड़-छाड़ कर रहा था और कुछ ज़्यादा ही अजीब आवाज़ें निकाल रहा था. अचानक मुझे याद आया कि रास्ते पर एक आदमी भी मेरी तरफ़ मुड़कर कुछ वैसी ही हरकतें कर रहा था. मन सिहर गया, पर कंप्यूटर की हिस्ट्री Delete करना नहीं भूली और मैंने कंप्यूटर बंद कर दिया. मैं ये तो समझ चुकी थी कि कुछ बेशर्म पुरुष खुलेआम भी Masturbate करते हैं.
कुछ सालों बाद जब कॉलेज में प्रवेश लिया. वहां इस शब्द के बारे में अच्छा-ख़ासा ज्ञान मिला कि किस तरह कुछ पुरुष रोज़ाना ही Masturbate करते हैं, कभी Porn देखकर, कभी किसी लड़की को याद कर के तो कभी यूं ही सड़क पर ही शुरू हो जाते हैं. अब तक मेरे दिमाग में यही था कि सिर्फ़ Males ही Masturbate करते हैं.
एक दिन वो भ्रम भी टूट गया. Truth & Dare Game खेल रहे थे हम सब. मैंने Truth लिया और मुझसे ये सवाल पूछा गया कि मैं हफ़्ते में कितनी बार Masturbate करती हूं. मेरी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. मैंने कह दिया कि Masturbate तो सिर्फ़ Males करते हैं, मेरे Roomates मुझ पर हंसने लगे. अब मैं बन गई सबका शिकार. मैं भी सोच में पड़ गई कि Bio की छात्रा होने के बावजूद इतनी बड़ी बात मेरे दिमाग से कैसे निकल गई? ख़ैर अब मैंने फिर से इंटरनेट का सहारा लिया और Women Masturbation सर्च कर डाला. वहां बहुत कुछ था, Diagrams और वीडियो के साथ. Definition भी बड़े ही Philosophical ढंग से लिखे थे. Clitoris को हाथ या ऊंगली से तब तक Rub करना जब तक Orgasm न हो. सेक्स टॉय, Vibrators का इस्तेमाल भी Self-Pleasure के लिए कर सकते हैं. ये सब जितना नया था उतना ही पेचीदा भी.
पढ़ तो लिया, पर अब क्या? मन में कई तरह के सवाल थे पर मन मान नहीं रहा. कुछ नया करने की चाह भी थी और कुछ गलत होने का डर भी था. अपने Clitoris से पहचान तो बहुत पुरानी थी, पर कभी उसे Rub नहीं किया था. तो कोशिश की. सच बताऊं वो Feeling ही अलग थी. ये भी नहीं सोचा कि उठकर Fresh होना चाहिए, इतनी गहरी नींद बहुत दिनों बाद आई. उसके बाद तो जब भी मौका मिलता मैं भी Masturbate करने लगी. इसमें शर्म की कोई वजह ही नहीं थी. ख़ुद को Relax Feel करवाना, गलत कभी नहीं हो सकता.
Masturbation/हस्तमैथुन… ये लफ़्ज़ पढ़कर पुरुष जितना ख़ुश होते हैं, स्त्रियां उतना ही झेंप जाती हैं. स्कूल में तो सबने इसके बारे में पढ़ा ही होगा, पर कभी सोचा है कि ऐसा क्या हुआ कि पुरुषों ने Practically इस विषय में महारत हासिल कर ली और स्त्रियां यहां भी पीछे रह गईं. Masturbation शब्द से स्त्रियां जितनी शर्म महसूस करती हैं, उतना पुरुष नहीं. यही नहीं, Female Masturbation पर बात करने से भी लोग कतराते हैं, कारण वो ही जानें.
जब बनानेवाले ने स्त्री-पुरुष दोनों को ही इस ख़ूबसूरत तोहफ़े से नवाज़ा है तो स्त्रियों को ही इतनी शर्म क्यों महसूस होती है?
Masturbation का एक Feminist नज़रिया भी है. किसी लेख में पढ़ा था कि Sex से लेकर स्त्री के हर अधिकार पर पुरुषों ने अपना आधिपत्य जमाया है. बनानेवाले ने Clitoris को Vagina से ठीक ऊपर बनाया है. Intercourse, कितना भी संतोषजनक क्यों न हो पर ये किसी भी स्त्री के शरीर पर आधिपत्य जैसा ही होता है. ख़ैर ये उस लेख के लेखक का नज़रिया है.
Masturbation डॉक्टर Recommended है. Masturbation के कई फ़ायदे हैं-
1. Stress Relief- पूरा दिन यूं ही चिंता में बिताने के बाद, कुछ पल Relief के जी लेने में कोई हर्ज़ नहीं है.
2. Cervical Health- आपका स्वास्थ्य आपके अपने हाथ में है.
3. कम होते हैं Menstrual Cramps- महीने के वो 5 दिन आराम से गुज़रेंगे.
4. Satisfied Sex Life- हां ये सच हैं. Masturbation से आप एक स्वस्थ Sexual Life जी सकते हैं.
Masturbate करना हानिकारक नहीं है. लेकिन किसी भी चीज़ की अति से नुकसान तो होगा ही. तो दिनभर Masturbate करने से बचना चाहिए.
अपने आप से कैसी शर्म? यहां पुरुष और स्त्री की बात नहीं है. यहां बात है ख़ुद को अच्छा और हल्का महसूस करवाने की. पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों के लिए Masturbate करना थोड़ा मुश्किल है. पुरुष तो जहां-तहां भी शुरू हो जाते हैं पर स्त्रियों को बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है.
मुझे लगता है कि मेरी तरह ही हर लड़की और स्त्री को Masturbate करना ही चाहिए. ये आपका अधिकार होने के साथ-साथ ज़रूरत भी है. ख़ुद की शरीर से पहचान होना बहुत ज़रूरी है. Masturbate करने से आपको ये भी पता चलता है कि आप किससे Orgasm Feel करती हैं. बहुत सी महिलायें Intercourse से Orgasm महसूस नहीं कर पाती और Sex का आनंद भी नहीं ले पातीं. कुछ भारतीयों के लिए Sex पर बात करना पाप हो जाता है. Sex Education की बात करने से प्रलय जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. ये बंद कमरों में होने वाली बातें हैं. जब Sex पे बात करना पाप है तो Masturbation पर बात करना तो महापाप है. पुरुषों का तो पता नहीं पर स्त्रियां भी आपस में इस बारे में बात करने से बचती हैं. Masturbate करने से कोई प्रलय नहीं आएगा. ख़ुद को अच्छा Feel करवाने के लिए हमेशा सेक्स ही कारगर नहीं होता.
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