हम जिस सोसाइटी में रहते हैं वहां एक व्यक्ति को उसकी पर्सनैलिटी के बेसिस पर जज किया जाता है. जब आप पहली बार किसी व्यक्ति से मिलते हैं, तो सबसे पहले उसकी पर्सनैलिटी पर गौर करते हैं. इसमें कुछ गलत भी नहीं है क्योंकि एक आकर्षक व्यक्तित्व हमेशा लोगों को याद रहता है. और इस व्यक्तित्व में अहम भूमिका होती है आपकी हाइट की. इसका बहुत असर पड़ता है छोटी हाइट वालों पर. कई बार छोटी हाइट वाले लोग भीड़ में नज़र नहीं आते. लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं होता कि वो आकर्षक नहीं होते. मैं भी छोटी हाइट वाले लोगों में से एक हूं, मगर मुझे अपनी छोटी हाइट से कोई दिक्कत नहीं.

वैसे तो मुझे कभी अपनी हाइट को लेकर बुरा नहीं लगा, लेकिन जब मैं बड़ी हुई पर मेरी लम्बाई ज़्यादा नहीं बढ़ी, तो मेरे परिवार वाले, रिश्तेदार मेरी हाइट को लेकर चिंतित होने लगे. लोग नसीहत देने लगे रस्सी कूदा करो, लटका करो वगैरह-वगैरह. लेकिन मुझे ये समझ नहीं आता कि आखिर मेरी हाइट इनकी लाइफ का इतना बड़ा एजेंडा क्यों बन गया है. कुछ टाइम बाद पता चला कि मेरी हाइट को लेकर इतना गहन चिंतन क्यों हो रहा है. असल में मुद्दा ये था कि कम हाइट है तो शादी में दिक्कत आएगी.

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लेकिन क्या शादी के लिए खूबसूरत होना (गोरा रंग, लम्बे बाल, स्लिम-ट्रिम होने के साथ-साथ लम्बाई भी कम से कम 5 फुट 3-4 इंच तो होनी ही चाहिए) ज़रूरी है. क्या आज के ज़माने में भी शादी के लिए ये क्वालिटीज़ होनी इतनी ज़रूरी हैं. क्या लड़की का शिक्षित होना, अपने पैरों पर खड़ा होना, आत्मनिर्भर होना महत्वपूर्ण नहीं है. मैं तो इस बात से बिलकुल इत्तेफ़ाक़ नहीं रखती हूं. मगर हां मैं इस बात से ज़रूर इत्तेफ़ाक़ रखती हूं कि एक समय था जब लड़की की सुंदरता की परिभाषा उसका घर के कामों में दक्ष होना, सुन्दर होना ही मायने लगता है. लेकिन अब ज़माना बदल चुका है. हाइट कम होना किसी की कोई कमी नहीं है, बल्कि ये सिर्फ़ हार्मोन्स और आनुवांशिक कारणों से होती है.

मेरे मन की बात जो मैं आज सबको बताना चाहती हूं कि हां मेरी लम्बाई कम है और मुझे इससे कोई प्रॉब्लम नहीं है और न ही कोई अफ़सोस. ये बात खासतौर पर उन लोगों को बताना चाहती हूं जिनको ख़ुद की लम्बाई ज़्यादा होने से ख़ुशी नहीं, बल्कि मेरी हाइट कम होने से दिक्कत है. मुझे नहीं पता कि आपको क्यों नहीं लगता कि किसी की हाइट पर कमेंट करना भी असभ्य माना जाता है.

मुझे एक बात समझ नहीं आती कि जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से पहली बार मिलते हैं, जो मोटा है, तो उससे मिलते वक़्त ये तो नहीं बोलेंगे कि ‘आप मोटे हैं.’ तो फिर मेरी हाइट पर कमेंट क्यों, क्या ये गलत नहीं है? बिलकुल ये सरासर ग़लत है. कम हाइट के लोग वो सब काम कर सकते हैं जो लम्बे लोग कर सकते. हाइट कम होना कोई कमी नहीं है.

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हालांकि, कई बार छोटी हाइट के नुक्सान होते हैं, लेकिन वो केवल पसंदीद कपड़ों का चुनाव करने में, क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि जब मैं शॉपिंग करने जाती हूं और मुझे जो ड्रेस पसंद आती है, वो मैं कम हाइट के कारण खरीद नहीं पाती हूं. लेकिन इसका विकल्प भी है कि मैं उस ड्रेस को या तो ऑल्टर करवा सकती हूं या फिर वैसा ही ड्रेस सिलवा सकती हूं. ठीक इसी तरह किचन में या अलमारी में ऊपर की शेल्फ़ में रखा सामान उठाने में दिक्कत होती है. इसके लिए या तो मुझे किसी को बुलाना पड़ता है या फिर स्टूल या चेयर का इस्तेमाल करना पड़ता है. मगर ये भी कोई दिक्कत वाली बात नहीं है, खासतौर पर मेरे लिए तो नहीं. ये तो छोटी-छोटी बातें हैं जिनको हैंडल करना मैं बख़ूबी जानती हूं.

कई बार मेरे दोस्त भी मेरी हाइट को लेकर मज़ाक करते हैं,

जैसे ग्रुप फ़ोटो खींचने के वक़्त मुझे आगे खड़ा करते हुए बोलते हैं कि तू आगे खड़ी हो जा वरना छुप जायेगी

लेकिन फायदा भी तो है न कि मैं हमेशा आगे रहती हूं.

सबसे बड़ी बात कि मैं हमेशा सिर उठाकर बात करती हूं और मेरे सामने वाला व्यक्ति सिर झुका कर और ये मेरा आत्म विश्वास बढ़ाता है.

इसके बाद बात आती है प्रोफ़ेशनल लेवल पर तो भईया आपकी काबिलियत आपकी हाइट से नहीं आंकी जाती है. मुझे 10 साल हो गए जॉब करते हुए लेकिन कहीं भी मेरे काम के बीच मेरी हाइट रोड़ा नहीं बनी और ना ही बनेगी. वैसे भी मुझे कोई मॉडलिंग थोड़े ही करनी है, जो मेरी हाइट ज़्यादा होना ज़रूरी है. और वैसे भी आज हर रंग-रूप और शारीरिक बनावट के लोग हर प्रोफ़ेशन में सफ़लता पूर्वक काम कर रहे हैं.

कई लोग मुझसे ये भी बोलते हैं कि हाईहील्स पहना करो, मैं क्यों पहनूं हील्स, नहीं पहननी मुझको हील्स. मुझे मैं जैसी हूं वैसी ही अच्छी लगती हूं. दूसरों को दिखाने के लिए मैं वो क्यों करूं जिसमें मैं कम्फर्टेबल नहीं हूं. और वैसे भी हील पहनने के बाद भी लोगों को दिखेगा ही न कि मैंने हील्स पहनी हुई हैं.

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मैं खुश हूं अपनी हाइट से, मुझे इसमें कोई कमी नहीं लगती. मैं भी आम लोगों की तरह काम करती हूं. हालांकि कई बार मेरी हाइट पर की गई आपकी टिप्पणी मुझे निराश करती है, लेकिन आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं और क्या सच में यहां हाइट ज़्यादा होना इतना महत्वपूर्ण है. वैसे भी दुनिया में हर व्यक्ति की अपनी अलग पहचान होती है, लेकिन वो हाइट तो बिलकुल नहीं होती. ऐसा नहीं है कि लड़कियों को ही हाइट काम होने के ताने सुनने पड़ते हैं, कई बार लड़को की हाइट काम होती है और उनको भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दोस्तों के ग्रुप में अगर कोई लड़का कम हाइट का होता है तो ज़्यादातर उसे सब लोग छोटू ही बोलते हैं पर क्यों?

इसलिए मेरा आप सब से केवल ये कहना है कि किसी की हाइट को लेकर उसको कभी कम ना आंकें. उस पर कमेंट करने से पहले एक बार ज़रूर सोचें कि आपका कमेंट उस व्यक्ति पर नकारात्मक असर भी डाल सकता है.