क्या आपको पता है कि दही और योगर्ट अलग-अलग होते हैं? जी हां, अगर आपको नहीं पता तो जान लीजिये कि भले ही योगर्ट और दही दोनों डेयरी प्रोडक्ट यानी कि दूध से बनाये जाते हैं, और इनका स्वाद भी काफ़ी कुछ एक-सा ही होता है लेकिन ये एक नहीं होते हैं. अधिकतर लोग दही और योगर्ट को एक ही समझते हैं. इसलिए हमने सोचा कि सबको इनके बारे में बताया जाए.

तो चलिए जानते हैं कि एक जैसे दिखने वाले इन दो डेयरी प्रोडक्ट्स में क्या अंतर हैं.

दही यानि Curd और योगर्ट मतलब कि Yoghurt डेयरी उत्पादों के दो अलग-अलग प्रकार हैं. ये दोनों दूध के अलग-अलग रूप हैं जो दूध में भिन्न-भिन्न तरीकों से ख़मीर बना कर तैयार किये जाते हैं.

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योगर्ट दूध से बनाया जाने वाला ऐसा प्रोडक्ट है, जिसको बनाने के लिए दूध में बैक्टीरिया के ज़रिये खमीरीकरण किया जाता है. इसके लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बैक्टीरिया का नाम ‘योगर्ट कल्चर’ है. जब इस बैक्टीरिया को दूध में डाला जाता है तो लैक्टोज का किण्वन होता है और लैक्टिक एसिड तैयार होता है. और तैयार होता है योगर्ट. योगर्ट घर में बनाना इतना आसान नहीं है. लेकिन बाज़ार में कई फ़्लेवर्स में योगर्ट उपलब्ध होता है.

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अब आपको बता दें कि दही बनाने के लिए दूध में खाने वाला एसिडिक सब्सटेंस जैसे कि नींबू का जूस या सिरका मिलाया जाता है. दही को आसानी से घर में जमाया जा सकता है. इसके लिए थोड़ा सा दही (जामन) गुनगुने दूध में मिला कर 3-4 घंटों के लिए रखना होता है. जहां लैक्टिक एसिड बनाने वाले ‘योगर्ट कल्चर्स’ बैक्टीरिया की वजह से योगर्ट का स्वाद खट्टा और मीठा होता है. वहीं दही में योगर्ट से ज़्यादा खट्टापन होता है. इसे खाते समय दांतों में खट्टापन महसूस होता है. मगर दही में योगर्ट के मुक़ाबले कम कैलोरी होती है.

दही और योगर्ट को खाने की शुरुआत कब हुई

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘योगर्ट’ शब्द एक तुर्की शब्द ‘yoğurt’ से लिया गया है, जिसका मतलब ‘मोटा होने के लिए जमते जाना’. योगर्ट को कई तरह से इंग्लिश में लिखा जाता है जैसे yoghurt, yoghourt, yogourt, yaghourt, yahourth, yoghurd, joghourt, और jogourt. माना जाता है कि योगर्ट बनाने की शुरुआत मध्य एशिया में अचानक से हुई एक ग़लती के कारण हुई थी. उसके बाद 19वीं शताब्दी में लोगों में इसका चलन बढ़ा. वहीं जब 20वीं शताब्दी में योगर्ट मध्य एशिया से अमेरिका पहुंचा, तो लोगों ने इसको हाथों-हाथ लिया और इसका चलन पूरी दुनिया में बढ़ा.

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माना जाता है कि दही का उद्भाव भारत और ईरान में 500 B.C. में हुआ. वहीं भारत में दही को भगवान के भोजन के रूप में महत्व दिया जाता है. इसलिए लिए इसका सेवन व्रत और पूजा का प्रसाद बनाने के लिए भी किया जाता है. इसलिए ये कहना ग़लत नहीं होगा कि दही का इस्तेमाल योगर्ट से कई सौ वर्षों पहले हो गया था.

दही और योगर्ट में पाए जाने वाले तत्व

योगर्ट को कैल्शियम, राइबोफ्लेविन-विटामिन B2, फॉस्फोरस, जिंक, पोटैशियम, आयोडिन, विटामिन B-12, प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है. इसके अलावा इसमें अत्यधिक मात्रा में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. इसलिए इसके सेवन से स्वास्थ्य बेहतर होता है. माना जाता है कि जिन लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी होती है, वो योगर्ट खा सकते हैं क्योंकि ये लैक्टोज के कारण होने वाली एलर्जी को पैदा नहीं करता है. दही उन लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है जो पेट की बीमारियों से पीड़ित हैं, जैसे दस्त. इसके अलावा ये वज़न कम करने में भी फ़ायदेमंद है.

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वहीं दही में विटामिन A, E और K प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा दही में राइबोफ्लेविन, थाइमीन, विटामिन B6, फोलेट, विटामिन B12, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम,कॉपर, जिंक आदि पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. दही भी पेट सम्बन्धी बीमारियों, स्किन, बालों इम्म्यून सिस्टम को मजबूत बनाने ले लिए फ़ायदेमंद होता है.

किस-किस जानवर के दूध से बनता है दही और योगर्ट

योगर्ट बनाने के लिए गाय, भैंस, बकरी, ऊंट, यॉक, भेंड़, और घोड़ी के दूध का इस्तेमाल किया जाता है. दही बनाने के लिए गाय, भैंस, बकरी, ऊंट, भेंड़, रेनडिअर, और लामा के दूध का इस्तेमाल किया जाता है.