दुनिया की सबसे मीठी भाषाओं में से एक है…उर्दू. ये भाषा इतनी मीठी है कि अगर कोई उर्दू में डांटे तो वो भी प्यारा लगता है. मज़ाक नहीं कर रहे, उर्दू में किसी को डांट लगानी हो, तो ये पढ़ लेना.

फ़ारसी और अरबी ज़बानों से ही आई है उर्दू. 12वीं शताब्दी और फिर मुग़लों के ज़माने में ये ज़बान और ज़्यादा विकसित हुई.

कहते हैं मुग़लों के ज़माने में इसे ‘मज़दूरों’ की ज़बान समझा जाता था. शाही घराने के लोग फ़ारसी या अरबी में बातें करते थे.

18वीं से 19वीं शताब्दी के बीच उर्दू में बहुत कुछ लिखा गया. आज पढ़िए इस ज़बान में लिखे कुछ शेर:

एक बात और कहना चाहेंगे, जिस तरह आजकल बहुत से लोग इस ज़बान को एक धर्म से जोड़ देते हैं, ये ग़लत है. भाषा किसी धर्म से जुड़ी नहीं होती. ये तो आज़ाद है और कोई भी इसे सीख सकता है. 

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