आज से करीब 180 साल पहले जब भारत में रेलगाड़ी भी नहीं हुआ करती थी, तो सोचो उस दौर में इंसान की ज़िन्दगी कितनी कठिन हुआ करती होगी. उस समय एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सिर्फ़ बस ही एकमात्र साधन हुआ करती थी. आम लोगों का हवाई जहाज़ में यात्रा करना किसी सपने जैसा होता था. लेकिन सूचना और तकनीक के इस दौर में आज भारतीय रेलवे लगातार तरक़्क़ी कर रहा है. पहले मेट्रो रेल फिर मोनो रेल और अब सुपर फ़ास्ट बुलेट ट्रेन अगले कुछ सालों में यात्रियों की ज़िन्दगी और आसान बनाने वाली है.
लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन कब चली थी ? चलिए हम बताते हैं.
भारत में पहला रेलवे प्रस्ताव सन 1832 में तत्कालीन मद्रास अब चेन्नई के लिए रखा गया था. इसके ठीक पांच साल बाद सन 1837 में हमें पहली ट्रेन मिली थी, जो Red Hills से Chintadripet के बीच चली थी. उस वक़्त इस ट्रेन का इस्तेमाल सड़क निर्माण सामग्री को लाल पहाड़ी से शहर तक ले जाने के लिए किया जाता था. 8 मई, 1845 मद्रास रेलवे को ईस्ट इंडिया रेलवे में शामिल किया गया.
जबकि सन 1853 में भारत में पहली यात्री ट्रेन चली थी. साहिब, सिंध और सुल्तान नाम से तीन स्टीम इंजनों वाली ये ट्रेन बोरीबंदर स्टेशन वर्तमान में छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर चली थी. आज से ठीक 165 साल पहले 16 अप्रैल के ही दिन 14 डिब्बों वाली ये ट्रेन 400 यात्रियों को लेकर चली थी.
तत्कालीन अंग्रेज़ गवर्नर लॉर्ड जॉन एल्फिंस्टोन जिनके नाम पर अब भी मुंबई में एक स्टेशन है, ने अपनी पहली यात्रा पर ट्रेन को झंडी दिखाकर रवाना किया था. इसके एक साल बाद सन 1854 में हावड़ा पूर्वी रेलवे की नींव रखी गयी थी. जबकि इसके दो साल बाद सन 1856 में दक्षिण भारत में पहली ट्रेन चली थी. सन 1924 तक सभी ट्रेनें भाप और कोयला इंजन से ही चलती थी.
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जबकि 3 फ़रवरी 1925 को रेलवे ने पहली इलेक्ट्रिक यात्री ट्रेन पेश थी. जिसे विक्टोरिया टर्मिनस और कुर्ला के बीच हार्बर लाइन पर 1,500 V DC ओवरहेड ट्रेकेशन का उपयोग करते हुए चलाया गया था. आज भारत में बड़े पैमाने पर बिजली (25 KV 50 HZ AC) और डीजल इंजनों का उपयोग किया जाता है. भारत के पास दुनिया की पहली सीएनजी से चलने ट्रेन भी है. जबकि आज भी भारत के कुछ Heritage Sites पर स्टीम इंजन से चलने वाली ट्रेन भी चलाई जा रही हैं.
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भारतीय रेल नेटवर्क इस समय अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. 1,21,400 किमी ट्रैक वाला इंडियन रेलवे स्टेशन दुनिया के सबसे व्यस्त परिवहन प्रणालियों में से एक है. जो प्रति वर्ष 8.107 अरब यात्रियों और 1.108 अरब टन माल ढुलाई करता है.