बॉलीवुड के सबसे ख़तरनाक विलेन में से एक आशुतोष राणा का जन्म 10 नवंबर 1967 में मध्यप्रदेश के गाडरवारा में हुआ था. आशुतोष को कॉलेज के दिनों से ही अभिनय से बेहद प्यार था. वो रामलीला में रावण का किरदार निभाया करते थे. अपने गुरु के कहने पर उन्होंने साल 1994 में दिल्ली के राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) में एडमिशन ले लिया. एनएसडी में कुछ साल बिताने के बाद आशुतोष काम की तलाश में फ़िल्म नगरी के लिए मुंबई निकल पड़े. यहीं से उनके फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत हुई थी.

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वैसे तो हम सभी आशुतोष राणा को बॉलीवुड में उनके द्वारा निभाए गए नकारात्मक और बेहतरीन किरदारों के लिए जानते हैं. लेकिन आशुतोष अपनी बेमिसाल हिंदी के लिए भी ख़ासे जाने जाते हैं. हिंदी साहित्य से उन्हें बेहद लगाव है, वो न सिर्फ़ एक अच्छे कवि हैं, बल्कि अच्छे लेखक भी हैं. हिंदी के प्रति उनके प्रेम के कारण ही उनको हिंदी के बड़े-बड़े मंचों पर बुलाया जाता है. उनकी कविताओं में देशप्रेम और भक्ति को महसूस किया जा सकता है.

1. आशुतोष राणा की लाजवाब हिंदी

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बॉलीवुड में वो अपनी जबर्दस्त एक्टिंग के लिए तो जाने ही जाते हैं. लेकिन इससे कहीं ज़्यादा वो अपनी शुद्ध हिंदी के लिए जाने जाते हैं. कहा तो ये भी जाता है कि फ़िल्म इंडस्ट्री के कई कलाकार आशुतोष से हिंदी की क्लास भी लेते हैं. फ़िल्म के सेट पर भी आशुतोष नए कलाकारों के हिंदी डिक्शन में सुधार करते हुए नज़र आ जाते हैं. फ़िल्म ‘संघर्ष’ में वो संस्कृत के कई कठिन डायलॉग आसानी से बोलते नज़र आये थे.

2. इंग्लिश आती है फिर भी हिंदी में ही बोलते हैं

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आशुतोष को जब किसी बड़े मंच पर बुलाया जाता है, वो अकसर हिंदी में ही बात करना पसंद करते हैं. ऐसा नहीं है कि उनको इंग्लिश नहीं आती, लेकिन उन्हें हिंदी से बेहद लगाव है. उनको राजनीति, देश-विदेश, महिला सशक्तिकरण और हिंदी साहित्य जैसे विषयों से जुड़ी जानकारी के लिए कई टीवी चैनलों और सभाओं में गेस्ट के तौर पर भी बुलाया जाता है. इस दौरान भी उनकी हिंदी सुनने लायक होती है. वो फ़िल्म के सेट पर हों या किसी मंच पर उनका हिंदी उच्चारण हमेशा अच्छा ही होता है.

3. फ़ेसबुक पर भी हिंदी में ही लिखते हैं पोस्ट

आशुतोष राणा फ़ेसबुक पर भी काफ़ी एक्टिव रहते हैं. इस दौरान वो जो भी पोस्ट डालते हैं, वो शुद्ध हिंदी में ही होती हैं. किसी को जन्मदिन की बधाई भी देनी हो तो, आशुतोष हिंदी में ही बधाई देते हुए दिखाई देते हैं.

4. बड़े संस्कारी भी हैं आशुतोष

आशुतोष भगवान में बहुत विश्वास रखते हैं. ख़ासकर अपने गुरुजी को वो बहुत मानते हैं. वो भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं. वो भगवान के प्रति अपनी इस रुचि को आस्था रूप मानते हैं. इन दिनों वो अपने गुरु के कहने पर सारे काम छोड़कर सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण करने के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं.

5. अपनी पत्नी को आज भी ‘जी’ कहकर बुलाते हैं

आशुतोष और रेणुका की पहली मुलाकात फ़िल्म ‘जयति’ की शूटिंग के दौरान हुई थी. इस दौरान उनकी दोस्ती हुई और ये दोस्ती कुछ समय बाद प्यार में बदल गई. दोस्ती होने के कुछ ही साल बाद आशुतोष और रेणुका ने शादी कर ली. आज उनके दो बेटे हैं – शौर्यमान और सत्येन्द्र. आशुतोष इतने संस्कारी हैं कि वो आज भी अपनी पत्नी को रेणुका जी कहकर बुलाते हैं.

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आशुतोष राणा की पहली फ़िल्म ‘संसोधन’ थी. इसके बाद उन्होंने कृष्णा अर्जुन, तमन्ना, जख़्म और गुलाम जैसी फ़िल्मों में भी काम किया. लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1998 में आई काजोल स्टारर फ़िल्म ‘दुश्मन’ से मिली. इस फ़िल्म में उन्होंने साइको किलर गोकुल पंडित की भूमिका निभाई थी. और इस किरदार से आशुतोष ने अपनी ज़बर्दस्त एक्टिंग से सबका दिल जीत लिया था. वहीं अक्षय कुमार स्टारर ‘संघर्ष’ के लज्जा शंकर पांडे को भला कौन भूल सकता है. इसके बाद ‘बादल’, ‘अब के बरस’, ‘कर्ज़’, ‘कलयुग’ और ‘आवारापन’ जैसी फ़िल्मों में नकरात्मक भूमिका निभाकर आशुतोष राणा की गिनती बॉलीवुड के टॉप विलेन्स में होने लगी. आशुतोष को ‘दुश्मन’ और ‘संघर्ष’ के लिए बेस्ट विलेन का फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड भी मिल चुका है.