गर्मियों का मौसम हो तो हर किसी के मन में पहला ख़्याल पहाड़ों का ही आता है. स्विटज़रलैंड जाकर लाखों रुपये ख़र्च करने से बेहतर है भारत में ही किसी अच्छी सी जगह की तलाश करना, जो आपके बजट के हिसाब से भी ठीक हो और ज़्यादा दूर भी न हो. उत्तराखंड हमेशा से ही अपनी ख़ूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. देहरादून से कुछ ही घंटे की दूरी पर एक ऐसी ही जगह है चकराता. भले ही लोग इस जगह के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हों, लेकिन जो भी यहां एक बार जायेगा उसका बार-बार जाने का मन करेगा.
उत्तराखंड की राजधानी देहारादून से करीब 95 किमी दूर ख़ूबसूरत पहाड़ों के बीच बसा हिल स्टेशन चकराता, कलसी में स्थित है. समुद्र तल से करीब 7000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित ये हिल स्टेशन उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा पर बसा है. शांत वातावरण और प्रदूषण मुक्त ये जगह दूर-दूर तक फ़ैले घने जंगलों के बीच बसे जौनसारी जनजाति के आकर्षक गांव के लिए प्रसिद्ध है. चकराता साहसिक खेलों को पसन्द करने वाले लोगों के लिए भी जाना जाता है. यहां पर पैरासेलिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग और तीरंदाजी आदि की अच्छी सुविधाएं मिलती हैं. चकराता में भारतीय सेना के जवानों को कमांडों ट्रेनिंग भी दी जाती है.
क्यों प्रसिद्ध है?
चकराता मुख्यतः आर्मी कैंट का इलाका है. इस इलाके को जौनसार भी कहा जाता है. यहां आज भी ग़रीब लोगों में बहु-विवाह प्रचलित है. परिवार में जितने भी लड़के होते हैं उनको एक ही लड़की से शादी करनी पड़ती है. लेकिन यहां के ख़ूबसूरत और हरे भरे पहाड़ पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं. ये जगह हिमाचल प्रदेश से बेहद क़रीब है. ठंड के दिनों में यहां स्नोफ़ॉल, गर्मियों में बेहद सुहाना मौसम जबकि बरसात के दिनों शानदार बारिश का मज़ा ले सकते हैं. यहां सालभर कुछ ऐसा ही मौसम रहता है. चकराता धीरे-धीरे घूमने-फिरने के शौक़ीनों की पसंदीदा जगह बनती जा रही है. अगर आप हनीमून का प्लान बना रहे हैं, तो ये आपके लिए बेहतरीन जगह हो सकती है.
कहां घूम सकते हैं
घूमने के लिहाज़ से चकराता से करीब 17 किमी की दूरी पर टाइगर फ़ॉल बेहद सुंदर जगह है. ये शानदार फ़ॉल आकर्षण का प्रमुख़ केंद्र है. टाइगर फ़ॉल तक पहुंचने के लिए आपको मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किमी पैदल खड़ी ढलान से नीचे उतरना होगा. टाइगर फ़ॉल पहुंचने पर आपका यहां से हटने का मन ही नहीं करेगा. ठंडे पानी में पर्यटक ख़ूब मस्ती करते हैं. इसके अलावा आप इसके आस-पास स्थित कनासर, देवबन, लखमंडल भी घूम सकते हैं.
खाने पीने में क्या है ख़ास
आप यहां पर कई प्रकार के पहाड़ी खाने का मज़ा ले सकते हैं जिसका टेस्ट आपको शायद ही कहीं और मिलेगा. जबकि पहाड़ों के मैगी पॉइंट्स भी बेहद चर्चित हैं. देहरादून से मसूरी और चकराता जाते समय आपको रास्ते में कई ऐसे मैगी पॉइंट्स मिल जाएंगे जहां युवाओं की काफ़ी भीड़ लगी रहती हैं. यहां आप गर्मा-गर्म मोमोज़, सूप, थुप्पा व नूडल्स का मजा ले सकते हैं. हिमाचल से क़रीब होने के कारण यहां के खाने में पंजाबी खाने जैसा ही स्वाद आता है.
प्रकृति प्रेमियों के लिए है ख़ास
चकराता प्रकृति प्रेमियों और ट्रैकिंग में रुचि रखने वालों के लिए बेहद ख़ास है. यहां कई प्रकार के साहसिक खेल जैसे- रिवर राफ़्टिंग, कोर्स्सिंग, कयाकिंग, पैरासेलिंग, राप्पेल्लिंग और रॉक क्लाइम्बिंग का आनंद उठाया जा सकता है. ये सभी गतिविधियां विशेषज्ञों की देखरेख में आयोजित की जाती हैं. पर्यटक यहां पर वॉलीबॉल, बाधा पाठ्यक्रम, बास्केटबॉल, गोल्फ़ और माउंटेन बाइकिंग का भी आनंद ले सकते हैं. साथ ही पैरासेलिंग, ट्रैकिंग, स्कीइंग और तीरंदाज़ी के लिए भी यहां कई सुविधायें हैं.
कैसे पहुंचे
वायुमार्ग
देहरादून से 25 किमी दूर स्थित नज़दीकी हवाई अड्डा जौली ग्रान्ट है. जो कि चकराता से लगभग 123 किमी दूर है. चकराता जाने के लिए यहां से आप बस या टैक्सी सेवाएं भी ले सकते हैं.
रेलमार्ग
देश के किसी भी कोने से नज़दीकी रेलवे स्टेशन प्रेमनगर पहुंचा जा सकता है. और उसके बाद आप राज्य परिवहन या निजी वाहन से आसानी से चकराता पहुंच सकते हैं.
सड़क मार्ग
मसूरी से चकराता जाने के लिए राज्य राजमार्ग से केम्पटी फ़ॉल, यमुना पुल और लखवाड़ होते हुए चकराता पहुंचा जा सकता है. देहरादून से राष्ट्रीय राजमार्ग 72 से हरबर्टपुर, राष्ट्रीय राजमार्ग 123 से कालसी होते हुए चकराता पहुंचा जा सकता है.
कब जाएं
चकराता जाने के लिए मार्च से जून और अक्टूबर से दिसम्बर का समय सबसे उपयुक्त रहेगा. जबकि जून के अंत और सितम्बर के मध्य में तेज़ बारिश होती है. सर्दियों में स्नोफ़ॉल का मज़ा भी ले सकते हैं.
अगर आप भी घूमने-फिरने के शौक़ीन हैं, तो हो जाएं तैयार इस ख़ूबसूरत हिल स्टेशन घूमने के लिए.