सिख धर्म की स्थापना गुरुनानक देव जी ने की थी. गुरुनानक देव जी ने बहुत से किस्से इकट्ठे कर लोगों के ज्ञान चक्षु खोले. वो गुरू होने से पहले, एक घुमक्कड़ थे. अपने जीवन में उन्होंने बहुत सी यात्राएं की. इन्हीं यात्राओं ने उनके जीवन को बदल दिया. अपनी सारी सीख को उन्होंने जन-जन तक पहुंचाया. सच्चा सौदा कर उन्होंने लोगों को भोजन खिलाने की प्रथा शुरु की, जो आज तक गुरुद्वारों में लंगर के रुप में चलती आ रही है. वो अपने विचारों से दुनिया बदल रहे थे. हालांकि उस दौर में उन्हें इस साहसी कदम के लिए बहुत से सवालों का सामना करना पड़ा. उनके बारे में जानना है, तो पहले उनके विचारों को जानना होगा.
गुरु नानक देवजी के विचार बस इतने में ही खत्म नहींं होते. वो अथाह हैं, उनके विचारों और उनकी सीमा को तय नहीं किया जा सकता.