दुनियाभर में अमीरों की कोई कमी नहीं है. एलन मास्क हो या फिर मुकेश अंबानी ये अपनी अमीरियत के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी लग्ज़री लाइफ़स्टाइल के लिए भी मशहूर हैं. मुकेश अंबानी के पास दुनिया का सबसे महंगा घर है, जिसकी क़ीमत 19,485 करोड़ रुपये के क़रीब है. वहीं एलन मास्क के पास दुनिया की सबसे महंगी कार है, जिसकी क़ीमत 90 करोड़ रुपये के क़रीब है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे इतिहास का सबसे अमीर शख़्स माना जाता है. ये व्यक्ति इतना अमीर है कि एलन मास्क और मुकेश अंबानी जैसे अमीर भी इसके आगे पानी भरते नज़र आएंगे.

क्यों लग गया न शौक, हो गए न हैरान? आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन आ गया जो इतना अमीर है?

ये शख़्स माली साम्राज्य का राजा मंसा मूसा प्रथम (Mansa Musa I) था, जिसने 1312 से 1337 के बीच यहां शासन किया था. इस व्यक्ति को इतिहास का अब तक का सबसे अमीर इंसान माना जाता है. बताया जाता है कि उस समय इसके पास कुल 400 मिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी थी. अगर आज इस संपत्ति का आंकलन किया जाए, तो मंसा मूसा दुनिया का सबसे अमीर आदमी होगा.

आख़िर कहां से आता था मंसा के पास इतना पैसा?

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ख़ुद को सच्चा मुसलमान बताने वाला मंसा मूसा उस दौर में नमक और सोने का कारोबार किया करता था. अपने शासन के दौरान उसने कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और मस्ज़िदें बनवाई थीं. उसने अपनी एकमात्र मक्का यात्रा के दौरान ग़रीबों के बीच जमकर पैसे लुटाए थे. इस यात्रा पर उसके कुल 60,000 सोने के सिक्के ख़र्च हुए थे. मूसा उस दौर में जिस साम्राज्य का शासक हुआ करता था, वो वर्तमान घाना, टिंबकटू, मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फ़ासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया जैसे देशों के नाम से जाने जाते हैं.

मूसा के थे दर्जनों नाम

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मूसा के साम्राज्य और उसकी प्रसिद्धि को देखते हुए लोगों ने उसे कई उपनामों और उपाधियों से नवाज़ा था. कोई उसे Emir of Melle तो कोई Lord of the Mines of Wangara और Conqueror of Ghanata के नाम से भी जानते थे. कहा जाता है कि जिस समय यूरोप अकाल और गृह युद्ध से गुज़र रहा था, उस समय मूसा के राज में अफ़्रीका के कई इलाके समृद्धि की ओर बढ़ रहे थे.

कुछ ऐसा होता था मूसा का काफ़िला

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मंसा मूसा जब मक्का-मदीने की यात्रा पर गया था, उस वक्त उसके क़ाफ़िले में कुल 80 ऊंट थे और हर ऊंट पर 300 पाउंड सोना लदा हुआ था. जबकि इस क़ाफ़िले में कुल 60,000 लोग शामिल थे. इस काफ़िले की लंबाई 2000 मील तक पहुंच जाया करती थी. उसका काफ़िला इतना बड़ा था कि इसे मानचित्र में जगह दी गयी थी. इसको 1375 कैटलन एटलस नाम दिया था.

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मंसा मूसा की मृत्यु वर्ष को लेकर भी कई विवाद हैं, लेकिन इतिहासकारों की मानें तो उसने 25 वर्षों तक माली पर शासन किया था.