29 जुलाई का दिन टाटा सन्स और उसके कर्मचारियों के लिए बहुत ही ख़ास रहा. एक तो इस दिन जेआरडी टाटा की 114 जयंती थी और दूसरा इसी दिन इस ग्रुप के मुंबई स्थित हेडक्वॉर्टर बॉम्बे हाउस को रेनोवोशन के बाद दोबारा खोला गया. लेकिन ये दिन मुंबई के आवारा कुत्तों के लिए भी ख़ास रहा. क्योंकि इनके रहने के लिए बॉम्बे हाउस में एक अलग से कमरा बनाया गया है.
टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को कुत्तों से बहुत लगाव है, ये बात किसी से छिपी नहीं है. साल 2012 में उन्होंने जर्मन शेफर्ड नस्ल के अपने दो Pet Dogs की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी. यही कारण है कि पिछले कई वर्षों से बॉम्बे हाउस में आवारा कुत्तों के आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है.
उस वक़्त ये कुत्ते रिसेप्शन या सिक्योरिटी गॉर्ड के केबिन में रात को सोते थे. लेकिन रेनोवेशन के बाद इनके लिए एक स्पेशल कमरा ‘केनेल’ यानि कुत्तों का घर बनाया गया है. इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसमें कुत्ते अपनी मर्जी से कभी भी आ-जा सकते हैं. उनके लिए यहां खाने से लेकर खिलौनों तक की व्यवस्था कि गई है.
केनेल में ग्राउंड फ्लोर के लाउंज एरिया से होते हुए पहुंचा जा सकता है. कमरे के अंदर चेरी रंग का पेंट किया गया है. इसमें 2 बड़ी खिड़कियां हैं, जिनसे बाहर की झलक मिलती है और खुलापन लगता है. जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था ‘Save Our Strays’ ने फ़ेसबुक पेज पर कुत्तों के नए घर की तस्वीर शेयर की है.
1924 में बनकर तैयार हुई ये इमारत पहले दिन से ही टाटा ग्रुप का हेडक्वार्टर रही है. रेनोवेशन के तहत पूरे ऑफ़िस को मॉडर्न और हाईटेक लुक दिया गया गया है.