डेरा सच्चा सौदा का मालिक राम रहीम अपराध साबित होने के बाद चंद रुपयों में जेल में काम चला रहा है. 50 साल के राम रहीम को कैदी नंबर 1997 के तौर पर रखा गया है और जेल प्रशासन ने राम रहीम से जुड़ी कई उड़ती अफ़वाहों को आधारहीन बताया है.

हरियाणा के डीजीपी के पी सिंह के मुताबिक, राम रहीम की बैरक के पास ही एक छोटा सा प्लॉट है जिसमें उसे सब्जियां उगानी होंगी. वो अपने काम की शुरूआत भी कर चुका है. राम रहीम जो भी सब्ज़ियां उगाएगा, उसे जेल की किचन में इस्तेमाल किया जाएगा.

गौरतलब है कि राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में 15 अगस्त 1967 को पैदा हुआ राम रहीम अपने शुरूआती दिनों में खेती में अपने मकान मालिक की मदद किया करता था.

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डीजीपी के मुताबिक, अपने बैरक के पास ही मौजूद पेड़ों की छंटाई का काम भी राम रहीम के हाथ होगा. सामान्य तौर पर एक कैदी को दिन में अधिकतम आठ घंटे काम करने की इज़ाजत है और उसे खेती के इस काम के लिए हर रोज़ 20 रुपये मिलेंगे.

इस हाईप्रोफ़ाइल कैदी को जेल के अधिकारियों ने एक शांत और अनुशासित कैदी बताया और उसे किसी स्पेशल ट्रीटमेंट से इंकार किया. उन्होंने कहा, ‘ये एक आधारहीन और मनगढंत रिपोर्ट है. किसी भी कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दी जा रही है और राम रहीम को भी एक सामान्य कैदी की तरह ही जेल में समय बिताना पड़ रहा है. उसके सेल में टीवी की सुविधा भी नहीं है. वो किसी भी आम कैदी की तरह ही जेल में समय काट रहा है. जेल में उसके परेशान होने की अफ़वाहें भी आधारहीन हैं.’

जेल ऑफ़िसर का कहना था कि मीडिया में राम रहीम के स्वास्थ्य और अन्य दूसरी गतिविधियों से जुड़ी ज़्यादातर रिपोर्ट्स आधारहीन हैं. ऑफ़िसर के मुताबिक, राम रहीम ने जेल प्रशासन को दो फ़ोन नंबर दिए हैं. एक नंबर हनीप्रीत का है और दूसरा नंबर उसका खुद का है, जो सिरसा में डेरा हेडक्वार्टर के समय उसके पास था. हालांकि, राम रहीम ने हनीप्रीत से फ़ोन पर बात करने के लिए कोई रिक्वेस्ट नहीं की है.

उन्होंने कहा कि कोई भी कैदी जेल में अपने दो रिश्तेदारों के नंबर जेल प्रशासन को जमा करा सकता है. इसके अलावा राम रहीम ने 10 नाम दिए हैं. ये सब जेल में आकर राम रहीम से मिल सकते हैं. ऑफ़िसर ने कहा कि हमने इन नामों को सिरसा पुलिस को दे दिया है और अभी तक राम रहीम से उसकी मां मिल चुकी हैं.

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जेल के डीजीपी का कहना था कि हनीप्रीत भले ही राम रहीम के साथ हेलीकॉप्टर में जेल तक आई हो, लेकिन उन्हें जेल के बाहर एक रेस्ट हाउस में ठहराया गया था और पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी.

राम रहीम की बैरक के बाहर भी ऐसे जेल स्टाफ़ को रखा गया है जिनका रिकॉर्ड शानदार रहा है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मद्देनज़र राम रहीम की बैरक में बहुत कम लोगों को रखा गया है. जेल प्रशासन कई एजेंसियों के भी संपर्क में है ताकि राम रहीम के समर्थक किसी हिंसा पर अगर उतारू होते भी हैं तो भी वे अपने किसी भी तरह के मंसूबों में कामयाब न हो पाएं.

Source: Times of India