‘थ्री इडियट’ फ़िल्म का वो आख़िरी सीन तो याद ही होगा आपको, जब फ़रहान और राजू अपने दोस्त रेंचो की तलाश में लद्दाख पहुंच जाते हैं. वो ख़ूबसूरत ‘पैंगोंग झील’ भी याद ही होगी जब पिया पीले रंग की स्कूटी पर सवार होकर आती है और रेंचो को एक ज़ोरदार थप्पड़ मारती है. वो पीले रंग की स्कूटी अब यहां पर्यटकों के आकर्षण का मुख़्य केंद्र बन चुकी है.
लद्दाख का नाम जुबां पर आते ही हर किसी को एडवेंचरस ट्रिप याद आने लगती है. लद्दाख की ख़ूबसूरती सिर्फ़ ‘पैंगोंग झील’ तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ज़ांस्कर वैली, मैग्नेटिक हिल, नुब्रा वैली और खारदुंग-ला पास जैसी ख़ूबसूरत जगहें भी लद्दाख को बेस्ट बनाती हैं. अब इसी लद्दाख की ट्रिप को और भी रोमांचक बनाने के लिए पर्यटक जल्द ही ग्लेशियर तक की पैदल और मोटर यात्रा भी कर सकेंगे.
दरअसल, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बहादुर जवान कठिन परिस्थितियों के बावजूद ग्लेशियर से होकर गुज़रने वाली एक सड़क के निर्माण में जुटे हुए हैं. ग्लेशियर से होकर गुज़रने वाली ये सड़क दुनिया की पहली सड़क होगी. इस पर लोग सिर्फ़ पैदल ही नहीं, बल्कि गाड़ियों की मदद से भी जा सकेंगे. ये सड़क ‘हिमांक’ परियोजना के तहत बनाई जा रही है.
समुद्रतल से 17,800 फ़ीट की ऊंचाई पर बन रही ये सड़क सासोमा से सासेर दर्रा को जोड़ने का काम करेगी. हर साल सर्दियों के मौसम में इन दोनों इलाक़ों का संपर्क बाकी हिस्सों से कट जाता है. सासेर दर्रा सर्दियों के मौसम में लोगों की पहुंच से दूर हो जाता था, लेकिन अब पर्यटक यहां तक आसानी से पहुंच सकेंगे. काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित ये सबसे ऊंचा दर्रा है.
बीआरओ अधिकारी के मुताबिक़, ‘बीआरओ इस समय दुनिया के सबसे ऊंचे ग्लेशियर को काटकर सड़क तैयार कर रहा है. इस पर न सिर्फ़ पैदल यात्री, बल्कि भारी वाहन भी चल सकेंगे. जम्मू-कश्मीर के पूर्वी लद्दाख में पड़ने वाले इस क्षेत्र में सर्दियों के समय तापमान 0 से -50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, जबकि गर्मियों में 12 डिग्री सेल्सियस रहता है.
बीआरओ के बहादुर जवान इन बर्फ़ीली हवाओं के बीच न सिर्फ़ देश की सुरक्षा में लगे रहते हैं, बल्कि तमाम कठिन परिस्थितियों के बावजूद जवान इन दिनों ग्लेशियर पर सड़क निर्माण कार्य में भी जुटे हुए हैं. ग्लेशियर के पिघलने के कारण भी जवानों को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अगर आप भी लद्दाख ट्रिप पर जाने का सोच रहे हैं, तो इस सड़क के बन जाने का इंतज़ार करें क्योंकि ये पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव होने जा रहा है.