सऊदी अरब को जब पर्यटकों के लिए नहीं खोला गया था, तब यहां किसी ग़ैर-मुस्लिम का घूमने जाना बहुत मुश्किल हुआ करता था. एक व्यक्ति यहां उसी दौरान घूमने गया था, उसने बताया है कि तब उसे सऊदी कैसा नज़र आया.
ये तब की बात है जब सऊदी टुरिस्ट वीज़ा नहीं दिया करता था, केवल हज करने आये लोगों को ही वीज़ा मिल पाता था.
अब चीज़ें बदल रही हैं, क्योंकि सऊदी अब टूरिस्ट वीज़ा भी इशू किया करेगा. कुछ साल पहले भी ऐसा किया गया था, लेकिन बाद में फिर रोक लगा दी गयी. ये व्यक्ति दो हफ़्तों के लिए सऊदी गया था. उसने बताया कि सऊदी जाने से पहले ये चीज़ें घर पर छोड़ आनी चाहिये:
– शराब (Alcohol वाली चॉकलेट्स भी)
– मुस्लिम धर्म से नहीं जुड़े सभी धार्मिक प्रतीक
– Pork वाले प्रोडक्ट्स
– Pornographic किताबें
– Codeine वाली दवाईयां
पूरे सफ़र में पुलिस उनके लिए रास्ता साफ़ करती रही. बीते सालों में कई बार सऊदी में अल-क़ायदा के हमले हुए हैं.
यहां कोई भी क़ानून तोड़ने पर सज़ा या कैद हो सकती है, मौत की सज़ा भी.
वहां किसी के भी घर जाने पर आपको चाय ज़रूर पूछी जाती है.
ज़्यादातर समय, दरवाज़ा कोई भारतीय नौकर ही खोलता है. कभी दरवाज़ा खोलते किसी महिला को नहीं देखा जाता. छोटे-छोटे गांवों में भी ये परंपरा देखी जाती है, ख़जूर और चाय आपको हर जगह मिल जायेंगे.
शहरी परिवार अपना वीकेंड तम्बुओं में बिताते हैं, जहां AC, फ़्रिज समेत सभी सुविधाएं होती हैं.
लोग बाज़ पालते हैं, जो कबूतरों का शिकार करते हैं. इन बाज़ों की क़ीमत 20,000 डॉलर तक होती है.
यहां के सभी लोग ऊंटों को पूजते हैं. ज़्यादातर लोगों के अपने फ़ार्म होते हैं, जहां ऊंटों को पाला जाता है. इनसे लोगों की अच्छी-ख़ासी कमायी भी होती है.
हर ख़ानाबदोश के पास यहां ऊंट का झागदार दूध होता है. प्रोटीन से भरा ये दूध यहां बाज़ारों में भी बिकता है. इसमें औषधीय गुण होते हैं, ये कैंसर से भी बचाता है.
सऊदी अरब ख़जूर का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. पूरे बाज़ार में ख़जूर बिकते हैं. ख़जूर का पेड़ इस देश के मुख्य प्रतीकों में आता है. नमाज़ के वक़्त बाज़ार लगभग खाली हो जाता है. जो नमाज़ के लिए नहीं जाते, उन्हें सज़ा दी जाती है.
यहां के लोग छुट्टियों में Malaysia, Lebanon, Marbella जाना पसंद करते हैं. सिंगल लोग Thailand और Morocco जाना पसंद करते हैं. ये यहां के सख़्त नियमों से ख़ुद को कुछ दिनों के लिए आज़ाद कर लेने का ज़रिया होता है.