इस साल अप्रैल में 91 साल की होने जा रही इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ, फिलहाल ठीक है. लेकिन उनकी खराब सेहत लंबे समय से राजभवन के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. शायद यही कारण है कि इंग्लैंड के प्रशासन ने उनकी गिरती सेहत देखते हुए एक भावभीनी श्रद्धांजलि देने का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है.

महारानी एलिजाबेथ की मृत्यु हो जाने की खबर को बकिंगम पैलेस से इस अनोखे और सिलेसिलेवार तरीके से दुनिया में जारी किया जाएगा और जनता के सामने इसे कैसे सार्वजनिक किया जाएगा, इस बारे में बकिंघम पैलेस ने एक गुप्त कोड जारी किया है.

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सबसे पहले इस खबर का आधिकारिक ऐलान सर क्रिस्टोफ़र गेइड्ट करेंगे. क्रिस्टोफ़र महारानी एलिजाबेथ के प्राइवेट सेक्रेटी हैं. क्रिस्टोफर प्रधानमंत्री को इसकी सूचना देंगे. रानी एलिजाबेथ की मौत का सीक्रेट कोड ‘लंदन ब्रिज इस डाउन’ है. इन चार शब्दों को बोलने के बाद ऑपरेशन लंदन ब्रिज शुरु हो जाएगा, जिसका काम होगा पूरी दुनिया को महारानी एलिजाबेथ की मौत के बारे में सिलेसिलेवार तरीके से जानकारी देना.

प्रधानमंत्री को सूचना मिलने के बाद, फॉरेन ऑफिस ग्लोबल रिस्पॉन्स सेंटर उन 15 सरकारों को सूचना देंगे, जहां क्वीन अब भी हेड ऑफ स्टेट बनी हुई हैं. इन देशों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बहामास और बेलिज़ जैसे देश शामिल है. राष्ट्रमंडल के 36 देशों को इसके बाद इस बारे में सूचित किया जाएगा.

महारानी एलिजाबेथ की मौत पर राजभवन की वेबसाइट पर काले बैकग्राउंड में उनकी मौत की ख़बर होगी, जबकि बहुत ही कम शब्दों में इसकी जानकारी अख़बारों के ज़रिये दी जायेगी. इसके बाद एक प्रेस एसोसिएशन दुनिया भर की मीडिया को न्यूज़ अलर्ट भेजेगा. हालांकि, सोशल मीडिया के जमाने में इसकी काफ़ी संभावनाएं हैं कि लोग फेसबुक या ट्विटर के माध्यम से इस ख़बर के बारे में पहले ही जानकारी जुटा लेंगे.

इस दौरान बीबीसी का रेडियो एलर्ट ट्रांसमिशन सिस्टम एक्टिवेट हो जाएगा. ये एक कॉल्ड वार अलार्म होगा, जिसे बीबीसी के स्टाफ ने भी केवल टेस्टिंग के दौरान ही सुना होगा. शाही घराने के विशेषज्ञों को पहले ही स्काई न्यूज़ और आईटीएन जैसी मीडिया संस्था बुक कर चुकी हैं, वहीं एंकर इस दौरान काले कपड़ों में नज़र आएंगे.

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प्रिंस चार्ल्स महारानी की मौत के बाद किंग चार्ल्स हो जाएंगे. वहीं प्रिंस विलियम अब वेल्स के प्रिंस होंगे और उनकी पत्नी कैथरीन वेल्स की प्रिसेंस कहलाएंगी. ग्रेट ब्रिेटेन 12 दिनों के लिए आधिकारिक विलाप में चला जाएगा, वहीं मरने के दो हफ्तों बाद महारानी का क्रियाकर्म किया जाएगा.

गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में ही महारानी ने घोषणा की थी कि वे 600 में से 25 संस्थाओं को छोड़ देगीं जहां वे सरपरस्त की तरह काबिज थी. 21 अप्रैल को महारानी एलिजाबेथ 91 साल की होने जा रही हैं. दुनिया भर के दिग्गज राजनेताओं को इस दौरान आमंत्रित किया जाएगा. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें St. George’s Chapel में अपने पिता के बगल में ही दफनाया जाएगा.

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दफनाने से पहले महारानी के शरीर को जनता के सामने भी लाया जाएगा. Westminster हॉल इस दौरान 23 घंटे खुला होगा और लोग चाहें तो यहां आकर महारानी के पार्थिव शरीर के दर्शन कर सकते हैं. महारानी के ताबूत के आगमन होने पर एक छोटी सी सेरेमनी का इंतजाम किया जाएगा. महारानी के मरने के 12 दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.