22 दिसंबर 1851, ये वो तारीख है जिस दिन भारत में रेल युग की शुरुआत हुई थी. आप सोच रहे होंगे कि हम ग़लत हैं, क्योंकि देश में पहली रेल तो मुंबई(बंंबई) से ठाणे के बीच 1853 में चलाई गई थी. ये दोनों ही बातें सही हैं. वो कैसे, चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं…
दरअसल, 1853 में जिस रेल की शुरुआत हुई थी वो भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन थी लेकिन उसके 2 साल पहले ही देश में रेलगाड़ी की शुरुआत हो चुकी थी. ये हम नहीं साल 2002 में छपी द हिंदू कि एक रिपोर्ट में एक किताब के हवाले से बताया गया है कि, ये रेल एक मालगाड़ी थी, जो रुड़की से पिरान कलियर के बीच चलाई गई थी. इसलिए टेक्टनिकली आप ये कह सकते है कि भारत में रेल युग की शुरुआत 1853 में नहीं उससे दो वर्ष पहले 1851 में हुई थी.
इस अख़बार ने आईआईटी रुड़की के तत्कालीन डायरेक्टर प्रेमव्रत इंटरव्यू भी छापा है, जिसमें ये दावा किया गया है. प्रेमव्रत ने बताया था कि अंग्रेज़ लेखक P.T. Cautley की एक किताब, जो 1860 में छपी थी, उसमें इसका जिक्र किया गया है. इस किताब का नाम है ‘Report on Ganga Canal’.
आईआईटी रुड़की की लाइब्रेरी में आज भी ये बुक रखी हुई है. इसके अनुसार साल 1851 में किसानों की सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए अंग्रेज़ों ने एक नहर बनाने का प्लान बनाया था. गंगा नदी से निकलने वाली इस नहर को बनाने के लिए बहुत सी मिट्टी की ज़रूरत थी.
इस मिट्टी को पिरान कलियर से 10 किलोमीटर दूर रुड़की तक ले जाने के लिए मुख्य इंजीनियर Thompson ने इंग्लैंड से रेल इंजन मंगवाया था. इस इंजन के साथ दो बोगियां जोड़ी गई थीं, जो 180-200 टन का वज़न ले जाने में सक्षम थीं.
किताब के अनुसार, तब ये ट्रेन 10 किलोमीटर की इस दूरी को 38 मिनट में तय करती थी. यानी इसकी रफ़्तार 4 मील प्रति घंटे थी. ये तकरीबन 9 महीनों तक काम करती रही, जब तक एक दुर्घटना में उसके इंजन में आग नहीं लग गई लेकिन तब तक नहर का काम भी पूरा हो चुका था.
प्रसार भारती भी इस तथ्य को स्वीकार कर चुकी है. इसके लिए उन्होंने साल 2015 में एक ट्वीट भी किया था.
Era of railways began in India #OnThisDay in 1851!
1st train operated as a freight train in Roorkee on 22 Dec 1851. pic.twitter.com/i5VTza0eM2— Prasar Bharati (@prasarbharati) December 22, 2015
क्या आप भारतीय रेल से जुड़े इस इंटरेस्टिंग फ़ैक्ट के बारे में जानते थे?