90 सालों से भारतीयों की पहली पसंद बनी हुई है ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर’, जानिए कौन है इसका मालिक

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भारत में वैसे तो टाटा, रिलांइस, नेस्ले, पार्ले, ब्रिटानिया और आईटीसी सरीखी कई बड़ी कंपनियां मौजूद हैं, लेकिन पिछले क़रीब 90 सालों से एक कंपनी ने भारतीय बाज़ार में अपना सिक्का जमाया हुआ है. ये कंपनी आज भी भारतीयों की पहली पसंद बनी हुई है.

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Lifebuoy, Lux, Surf Excel, Fair & Lovely, Red Label Tea, Lakme, Pond’s के बारे में तो आप जानते ही होंगे. क्या आप इन सभी प्रोडक्ट्स को बनाने वाली कंपनी के बारे में जानते हो? नहीं जानते हो तो चलिए हम बताते हैं. इस कंपनी का नाम ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ (Hindustan Unilever Limited) है, जो पिछले 90 सालों से हम हिन्दुस्तानियों की पसंदीदा कंपनी बनी हुई है.

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तेल, साबुन, डिटर्जेंट, फ़ेस क्रीम, शैम्पू, टूथपेस्ट और डियोड्रेंट समेत रोजमर्रा के इस्तेमाल के कई उत्पाद बनाने वाली ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ (Hindustan Unilever Limited) आज देश की सबसे बड़ी FMCG (Fast Moving Consumer Goods) कंपनी बन चुकी है.

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कौन है इस कंपनी का मालिक? 

सन 1888 में ब्रिटेन के ‘लीवर ब्रदर्स’ ने साबुन बनाने वाली Lever Brothers Company की शुरुआत की थी. बेहद कम समय में इस कंपनी के साबुन मशहूर होने लगे. सन 1895 में कंपनी ने Lifebuoy, Pears, Lux और Vim जैसे साबुन लॉन्च किए. बिज़नेस बढ़ने लगा तो सन 1930 में Lever Brothers Company ने नीदरलैंड्स की Margarine Unie Company के साथ साझेदारी कर ‘Unilever Limited Company’ की शुरूआत की.

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कब हुई ‘हिन्दुस्तान यूनिलीवर’ की शुरुआत?

सन 1931 में लीवर ब्रदर्स ने भारत में अपनी पहली सब्सिडरी कंपनी ‘हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग’ की शुरुआत की. इसके बाद ‘लीवर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड’, ‘यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड’ और ‘हिंदुस्तान वनस्पति मैनुफैक्चरिंग’ ने मिलकर 1933 में ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ की शुरुआत की. सन 1956 में इसका नाम बदलकर ‘हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड’ कर दिया गया, लेकिन साल 2007 में कंपनी ने फिर से इसका नाम ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ कर दिया.

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इसके बाद सन 1937 में ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ ने भारतीयों के लिए Dalda ब्रांड लॉन्च किया. देश की आज़ादी के बाद इस कंपनी ने देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाई. भारतीय ‘टाटा’ के बाद ‘HUL’ के प्रोडक्ट्स पर ही सबसे ज़्यादा भरोसा करते थे, आज भी करते हैं. आज इस कंपनी के दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई, बेंगलुरु, लखनऊ और इंदौर सरीखे देश के कई अन्य शहरों में अपने आउटलेट्स हैं.

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आज कंपनी के पास हैं क़रीब 35 ब्रांड्स 

क्या आप जानते हैं कि देश की आधी जनसंख्या यानि क़रीब 70 करोड़ लोग ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ के Products इस्तेमाल करते हैं? जी हां ये सच है. ये कंपनी साबुन से लेकर तेल तक रोजमर्रा की ज़रूरत का हर सामान बनाती है. कंपनी के पास आज क़रीब 35 ब्रांड्स हैं जो साबुन, डिटर्जेंट, शैम्पू, टूथपेस्ट, डियोड्रेंट आदि से जुड़े प्रोडक्ट्स हैं.

क़रीब 21,000 कर्मचारी हैं कार्यरत  

वर्तमान में ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ में क़रीब 21,000 कर्मचारी कार्यरत हैं. ये इंडो-ब्रिटिश कंपनी फिलहाल दुनिया के 190 से भी अधिक देशों में स्थापित है. ये कंपनी मुख्य तौर पर ‘फ़ूड’, ‘रेफ़्रेशमेंट’, ‘होम केयर’ और ‘ब्यूटी एंड पर्सनल केयर’ से जुड़े प्रोडेक्ट्स बनाती है. कंपनी की रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट्स इंडिया, यूके, नीदरलैंड, चाइना और यूनाइटेड स्टेट्स में हैं.

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HUL ने इन बड़ी कंपनियों को ख़रीदा  

सन 1903 में कंपनी ने भारत में Red Label Tea को Launch किया, जिसके बाद Unilever Company चाय का बिज़नेस भी करने लगी. हलांकि, Brooke Bond Company सन 1900 से ही भारत में चाय का बिज़नेस काम कर रही थी. सन 1912 में Unilever ने Brooke Bond Company को ख़रीद लिया. आज़ादी के बाद ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ ने 1972 में Lipton Company को भी ख़रीद लिया. इस तरह से 1977 में Lipton Tea limited भारत में स्थापित हो गई.

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सन 1986 में ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ ने भारत में पहले से ही मौजूद Pond’s Limited को भी ख़रीद लिया. इसके बाद 1990 इस कंपनी की ब्रांड Brooke Bond ने Kothari General Foods को ख़रीद लिया. सन 1992 में HUL ने नेपाल में ‘यूनिलिवर नेपाल लिमिटेड’ नाम से एक सब्सिडरी कंपनी शुरू की. सन 1993 में HUL ने Kissan Business Company को भी ख़रीद लिया. सन 1994 में HUL ने अमेरिका की Kimberly Clark Corporation के साथ भी ज्वाइंट वेंचर शुरू किया. इसके बाद 1995 में कंपनी ने Milkfood 100% Icecream को भी ख़रीद लिया.  

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क्या है HUL का ‘शक्ति प्रोजेक्ट’?

‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ ने 2001 में ‘शक्ति प्रोजेक्ट’ की शुरूआत की, जो आज भी काफ़ी चर्चित है. वर्तमान में ‘शक्ति प्रोजेक्ट’ के 1 लाख से अधिक Micro Entrepreneurs देश के 18 राज्यों के 100,000 गांवों में काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनी ग्रामीण महिलाओं में Entrepreneurship Mindset और Financial Independence Develop करती है. ग्रामीण महिलाएं इस कंपनी के प्रोडक्ट को गांव-गांव में बेचतीं हैं, जिन्हें ‘शक्ति अम्मा’ कहा जाता है.  

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बता दें कि ‘हिंदुस्तान यूनिलिवर लिमिटेड’ के 67.25% स्टेक Unilever के पास हैं जबकि बाकि 22.75% स्टेक क़रीब 3 लाख Individual शेयर होल्डर्स और फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के पास है. कंपनी 10% शेयर भारतीयों को ऑफ़र करती है.

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