Lord Alfred Denning: अश्वेतों और महिलाओं के हक़ के लिए खड़ा होने वाला ब्रिटिश जज

J P Gupta

क़ानून को बदलते समाज के साथ ही बदलते रहना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हो तो ये नियम-क़ायदे हमारे लिए जी का जंजाल बन जाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक जज के बारे में बताएंगे जो वक़्त के हिसाब से किसी केस का फ़ैसला देता था क़ानून के हिसाब से नहीं.

शायद यही वजह है कि उनकी गिनती दुनिया का बेस्ट जजेस में होती है. यही नहीं महिलाओं और ग़रीबों के हक़ के लिए भी लड़ने के लिए खड़े होने वाले इस जज को लोगों का न्यायधीश भी कहा जाता है.

ये भी पढ़ें: इतिहास का वो दौर जब इंग्लैंड में हवादार मकान बनाने के लिए भी देना पड़ता था टैक्स

पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद शुरू की लॉ पढ़ाई

npg

बात हो रही इंग्लैंड के फ़ेमस जज Lord Alfred Denning की, जिन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी कुछ ऐसे फ़ैसले सुनाए जो दुनिया के लिए नज़ीर बन गए. Lord Denning एक ब्रिटेन के एक सामान्य परिवार में जन्मे थे. उन्होंने गणित विषय से मास्टर की डिग्री हासिल की थी. मगर बाद में उनका रुझान लॉ की तरफ हो गया तो उन्होंने इसकी पढ़ाई कर प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया.

ये भी पढ़ें: कहानी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज, फ़ातिमा बीवी की जिन्हें ये मुक़ाम 39 साल बाद मिला

 मुफ़्त में लोगों की शिकायतें टाइप करते थे

theoldie

वो मुफ़्त में लोगों की शिकायतें टाइप कर उन्हें देते थे. खाली समय में वो कोर्ट की प्रोसिडिंग को देखने जाते थे. यहां वो वक़ालत के सारे दांव पेंच बहुत ही बारीकी से समझते थे. उनका मानना था कि क़िताबों और प्रोफ़ेसर्स से बस आपको क़ानून की धुंधली तस्वीर मिलती है. असल में क़ानूनी प्रक्रिया क्या होती है ये तो असली केस की सुनवाई को देख कर ही समझा जा सकता है.

35 साल से अधिक समय तक किया काम

thelawyerportal

धीरे-धीरे वो भी प्रैक्टिस करने लगे, पहले बहुत अच्छे वक़ील बने और बाद में जज. उन्होंने बतौर जज 35 साल से अधिक समय तक काम किया. इसमें Master of the Rolls और Court of Appeal दोनों के कार्यकाल शामिल हैं. उन्होंने नागरिकों के लिए क़ानूनों को सुलभ बनाने के लिए बहुत काम किया. Lord Denning निजी अधिकारों के सबसे बड़े पैरोकार थे.

अश्वेतों और महिलाओं के लिए खोले थे न्याय के द्वार    

New York Times

ब्रिटेन में बसे अश्वेत लोगों के लिए समान अधिकार की बात करने वाले वो पहले न्यायाधीश थे. उनका मानना था कि राजधर्म की आड़ में लोगों के मौलिक अधिकार छीनने का काम किया जाता है. महिलाओं के हक़ के लिए भी हमेशा खड़े होते थे. तलाक़शुदा महिलाओं को संपत्ति और अपने पूर्व पति के घर में रहने के अधिकार दिलाने के लिए भी Lord Denning को याद किया जाता है. उनके फ़ैसले भी पेचीदा नहीं होते थे. वो सरल भाषा में इस तरह लिखे जाते थे लोग उन्हें सुनते तो ऐसा लगता था कि वो कोई कहानी सुन रहे हैं.

lincolnsinn

लोगों को उनका हक़ और न्याय दिलाने के लिए तत्पर रहने वाले इस न्यायाधीश ने मार्च 1999 में अंतिम सांस ली थी. जनता के जज के निधन पर पूरा ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि विश्व भर के जज और वक़ीलों की आंखें नम हो गई थीं. 

आपको ये भी पसंद आएगा
बदलने जा रहा है ‘इंडियन एयरफ़ोर्स’ का नाम! क्या होगा नया नाम? जानिए इसके पीछे की असल वजह
जानते हो ‘महाभारत’ में पांडवों ने कौरवों से जो 5 गांव मांगे थे, वो आज कहां हैं व किस नाम से जाने जाते हैं
Ganesh Chaturthi 2023: भारत में गणपति बप्पा का इकलौता मंदिर, जहां उनके इंसानी रूप की होती है पूजा
ये हैं पाकिस्तान के 5 कृष्ण मंदिर, जहां धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी, लगती है भक्तों की भीड़
क्या आप इस ‘चुटकी गर्ल’ को जानते हैं? जानिए कैसे माउथ फ़्रेशनर की पहचान बनी ये मॉडल
लेह हादसा: शादी के जोड़े में पत्नी ने दी शहीद पति को विदाई, मां बोलीं- ‘पोतों को भी सेना में भेजूंगी’