क़िस्सा: पीएम चौधरी चरण सिंह से जब थानेदार ने अंजाने में ले ली थी रिश्वत, जानिए फिर क्या हुआ?

Maahi

Prime Minister of India: भारत में लाल बहादुर शास्त्री, चौधरी चरण सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉक्टर मनमोहन सिंह समेत कई प्रधानमंत्री ऐसे भी रहे हैं जिन्हें आज भी उनकी सादगी के लिए याद किया जाता है. इस लिस्ट में लाल बहादुर शास्त्री के बाद चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) का नाम लिया जाना बेहद ज़रूरी है. चौधरी चरण सिंह भले ही केवल 6 महीने के लिए भारत के प्रधानमंत्री रहे, लेकिन इन 6 महीनों में ही उन्होंने साबित कर दिया था कि वो एक ज़िम्मेदार नेता थे.

jatland

ये भी पढ़ें- क़िस्सा: जब पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को ख़रीदनी थी कार और अकाउंट में थे सिर्फ़ ₹7000 

भारतीय राजनीति में चौधरी चरण सिंह एक बड़ा नाम थे. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले चरण सिंह को आम लोगों के नेता के तौर पर भी जाना जाता था. किसान नेता के तौर पर मशहूर चरण सिंह प्रधानमंत्री होते हुए भी वो बिना ताम-झाम (सेक्योरिटी) के भी आम लोगों के बीच पहुंच जाया करते थे, उनकी यही सादगी लोगों को काफ़ी पसंद आती थी.

charansingh

बात सन 1979 की है. चौधरी चरण सिंह उस वक़्त देश के प्रधानमंत्री हुआ करते थे. पीएम बने कुछ ही महीने हुए थे कि इस बीच यूपी के कई ज़िलों से चरण सिंह को किसानों की शिकायतें मिलने लगीं. किसानों का आरोप था कि, पुलिस और ठेकेदार घूस लेकर उन्हें परेशान कर रहे हैं. ऐसे में किसान नेता होने के चलते वो इस समस्या का हल भी ख़ुद ही ढूंढना चाहते थे.  

charansingh

अगस्त 1979, शाम 6 बजे उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में मैला कुचैला धोती-कुर्ता पहने एक बुज़ुर्ग किसान अपने बैल चोरी की शिकायत लिखवाने ऊसराहार थाने पहुंचा. इस दौरान छोटे दरोग़ा साहब ने पुलिसिया अंदाज़ में उनसे कुछ आड़े-टेढ़े सवाल पूछने के बाद बिना रिपोर्ट लिखे किसान को चलता कर दिया. बुज़ुर्ग जब थाने से जाने लगा तो एक सिपाही पीछे से आवाज़ देते हुए कहा ‘बाबा थोड़ा खर्चा-पानी दें तो रपट लिख देंगे’.

chandramoleshwar

बुज़ुर्ग किसान से ली थी 35 रुपये की रिश्वत

आख़िरकार उस समय 35 रुपये की रिश्वत लेकर शिकायत लिखना तय हुआ. रिपोर्ट लिखने के बाद मुंशी ने किसान से पूछा ‘बाबा हस्ताक्षर करोगे कि अंगूठा लगाओगे’? किसान ने हस्ताक्षर करने को कहा तो मुंशी ने झट से दफ़्ती आगे बढ़ा दी, जिस पर प्राथमिकी का ड्राफ़्ट लिखा था. इस दौरान बुज़ुर्ग किसान ने पेन के साथ ही अंगूठे वाला पैड उठाया तो मुंशी हैरत में पड़ गया कि हस्ताक्षर करने के लिए अंगूठा लगाने वाली स्याही पैड क्यों उठा रहे हैं? 

indiatvnews

इस दौरान बुज़ुर्ग किसान ने हस्त्ताक्षर किये और अपने मैले कुर्ते की जेब से एक मुहर निकालकर कागज पर ठोक दी. इस पर लिखा था ‘प्रधानमंत्री, भारत सरकार’. ये देखकर पूरे थाने में हड़कंप मच गया. असल में ये मैले कुर्ते वाले बाबा किसान नहीं, बल्कि भारत के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह थे. इसके बाद उन्होंने एक्शन लिया और पूरे के पूरे ऊसराहार थाने को सस्पेंड कर दिया. 

hindustantimes

दरअसल, प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों से मिल रही लगातार शिकायतों के बाद ऊसराहार थाने में औचक निरीक्षण करने आये थे. इस दौरान उन्होंने अपने छोटे से क़ाफ़िले को थाने से कुछ दूर ही रोक लिया था और अपने कुर्ते पर थोड़ी मिट्टी डाल कर अकेले ही थाने शिकायत लिखवाने चल दिए थे.

charansingh

आज देश को बढ़ते करप्शन को रोकने के लिए ऐसे ही नेताओं की ज़रूरत है. 

ये भी पढ़ें- आम लाने पर पत्नी के ख़िलाफ़ धरने पर बैठ गए थे शास्त्री जी, जानिए उनसे जुड़े 5 रोचक क़िस्से

आपको ये भी पसंद आएगा
बदलने जा रहा है ‘इंडियन एयरफ़ोर्स’ का नाम! क्या होगा नया नाम? जानिए इसके पीछे की असल वजह
जानते हो ‘महाभारत’ में पांडवों ने कौरवों से जो 5 गांव मांगे थे, वो आज कहां हैं व किस नाम से जाने जाते हैं
Ganesh Chaturthi 2023: भारत में गणपति बप्पा का इकलौता मंदिर, जहां उनके इंसानी रूप की होती है पूजा
ये हैं पाकिस्तान के 5 कृष्ण मंदिर, जहां धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी, लगती है भक्तों की भीड़
क्या आप इस ‘चुटकी गर्ल’ को जानते हैं? जानिए कैसे माउथ फ़्रेशनर की पहचान बनी ये मॉडल
लेह हादसा: शादी के जोड़े में पत्नी ने दी शहीद पति को विदाई, मां बोलीं- ‘पोतों को भी सेना में भेजूंगी’