12th Fail Film Dialogues: भारतीय सिनेमा में ऐसी कई बेहतरीन फ़िल्में बनी हैं, जो अपने कम बजट और बड़े स्टार्स की कमी की वजह से दर्शकों तक सही से पहुंच ही नहीं पाई. लेकिन शुक्र है कि आज OTT है, जिसकी वजह से इन फ़िल्मों को दर्शक आसानी से देख पाते हैं. अगर आप भी एक बेहतरीन फ़िल्म देखना चाहते हैं तो आज विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित 12th Fail फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है. इस फ़िल्म में विक्रांत मैसी (Vikrant Massey) लीड रोल में नज़र आएंगे. फ़िल्म समीक्षकों ने तो इसे इस साल की सबसे बेहतरीन फ़िल्म तक बता दिया है. फ़िल्म केवल समीक्षकों को ही नहीं, बल्कि दर्शकों को काफ़ी पसंद आ रही है. ख़ासकर इसकी कहानी, जो एक ग़रीब परिवार के लड़के की मुश्किलों को बड़े परदे पर बख़ूबी से दिखाती है.
ये भी पढ़िए: ‘जवान’ या ‘पठान’ नहीं, ये थी विदेश में 100 करोड़ कमाने वाली पहली हिंदी फ़िल्म, 5 करोड़ रुपये था बजट
क्या है फ़िल्म की असल कहानी
फ़िल्म की कहानी चंबल में रहने वाले मनोज कुमार की है, जो बेहद ग़रीब परिवार से है. पिता की नौकरी चली जाती है क्योंकि वो ईमानदार हैं. इसी बीच मनोज 12वीं में फ़ेल हो जाता है क्योंकि उस साल स्कूल में एक ईमानदार पुलिस अफ़सर की वजह से चीटिंग नहीं हो पाती. ये देख मनोज भी उन्हीं की तरह ईमानदार अफ़सर बनना चाहता है. बस यहीं से शुरू होता है मनोज कुमार का IPS बनने का सफर. क्या मनोज IPS बन पाता है और बनता है तो कैसे बनता है? ये जानने के लिए आपको फ़िल्म देखने थिएटर जाना होगा.
फ़िल्म देखने से पहले हम आपको इसके कुछ बेहतरीन डायलॉग्स (12th Fail Dialogues) से रू-ब-रू करा देते हैं–
1- 2 लाख हिंदी मीडियम स्टूडेंट्स में से केवल 25-30 ही बन पाते हैं IAS और IPS
बाकी 1,99,970 इज़ एक़्वल टू ज़ीरो, क्यों फट गया?
2- जबान चलाना शुरू कहां किए हैं अब तक
चंबल का हूं समझा…
IPS बन गया न, तो पहला लेटर जो साइन करूंगा
वो तेरी सस्पेंशन का होगा.
3- तुम झूठ को भी सच की तरह बोलते हो,
न्यूज़ रिपोर्टर बन जाओ.
4- IAS बनना बड़ी बात नहीं है
बड़ी बात ये है कि जिस कुर्सी पर आप बैठेंगे न
उससे आपकी इज्ज़त न हो, बल्कि आपसे उस कुर्सी की इज्ज़त बढे.
5- ग़रीब होता है इनका बाप
नहीं पढ़ा पाता है अपने बच्चों को महंगे स्कूल-कॉलेज में
लेकिन पता है फिर भी ये लोग खाली हाथ नहीं आते
जज़्बा लेकर आते हैं कि ये लोग भी एक दिन IAS और IPS बनेंगे.
6- ये पीछे नहीं हटते
ये नीचे नहीं झुकते
हार नहीं मानते साले…
बड़ा पक्का होता है इनका ये जज़्बा
और तुम देखना, यही जज़्बा एक दिन देश बदलेगा.
7- भईया कुछ बन जाओ
वरना छोड़ के चली जाएगी वो
लूज़र्स के साथ कोई नहीं टिकता भाई.
8- क्या समझता है तू
कि ये सिर्फ़ तुम्हारी लड़ाई है!
ये हम सबकी लड़ाई है,
एक की भी जीत होगी न!
तो करोड़ों भेड़-बकरियों की जीत होगी.
यहां देखिए ट्रेलर:-
ये भी पढ़िए: पहचान कौन? कभी डायरेक्टर ने फ़िल्म के सेट से धक्का मारकर निकाला था, आज है बॉलीवुड का धाकड़ विलेन