बॉलीवुड में चाइल्ड एक्ट्रेस के रूप में कदम रखने वाली ज़ायरा वसीम इतनी जल्दी बड़ी हो जाएंगी किसी ने नहीं सोचा होगा. ‘दंगल’, ‘द स्काई इज़ पिंक’, ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ जैसी फ़िल्मों में अपनी एक्टिंग से देश का दिल जीतने वाली ज़ायरा ने बॉलीवुड को तो अलविदा कह दिया, लेकिन सोशल मीडिया को नहीं.
हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर कश्मीर में हो रही समस्याओं और हालातों को लेकर एक पोस्ट शेयर. इस पोस्ट में उन्होंने जिस तरह से कश्मीर के लोगों पर हो रहे अत्याचारों को बयां किया, उससे वहां के लोगों का दर्द साफ़ झलक रहा है.
ज़ायरा वसीम लिखती हैं ‘कश्मीरी लगातार उम्मीद और कुंठा के बीच जूझ रहे हैं. निराशा और दुख की जगह शांति का झूठ फैलाया जा रहा है. कश्मीरियों की आज़ादी पर कोई भी पाबंदी लगा सकता है. हमें ऐसे हालातों में क्यों रखा जा रहा है जहां हम पर पाबंदियां हैं और हमें हुक़्म दिया जा रहा है.’
इस पोस्ट से साफ़ दिखता है कि अनुछेद 370 हटने के 6 महीने बीतने बाद भी कश्मीर के हालात ठीक नहीं हुए हैं और जो मीडिया के तरफ से परोसा जा रहा है वो पूरी तरह से सच नहीं है. ज़ायरा अपनी पोस्ट में सवाल पूछते हुए आगे लिखती हैं ‘आखिर हमारी आवाज़ को दबा देना इतना आसान क्यों हैं? हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाना इतना आसान क्यों है? हमें अपनी बात कहने और विचार रखने की आज़ादी क्यों नहीं है? हमारे विचारों को सुने बिना ही उन्हें बुरी तरह खारिज कर दिया जा रहा है. हम बिना किसी डर और चिंता के आम लोगों की तरह क्यों नहीं जी सकते?’
ज़ायरा की ये पोस्ट इतने पर नहीं रुकती, 6 महीनों में बदलाव और शांति की बात को दरकिनार करते हुए वो लिखती हैं ‘क्यों किसी भी कश्मीरी की ज़िन्दगी मुश्किलों, पाबंदियों और परेशानियों में गुजरती है, इसे इतना आम क्यों बना दिया गया है? ऐसे हज़ारों सवाल हमारे जहन में उठते हैं. सरकार इन सवालों का जवाब देना तो दूर, इन्हें सुनना भी नहीं चाहती. हमारी शंकाओं और अटकलों पर विराम लगाने की थोड़ी भी कोशिश नहीं करती.’
कश्मीर और वहां के लोगों पर ज़ायरा सिर्फ़ सरकार को ही नहीं, बल्कि मीडिया को भी घेर रही हैं, उन्होंने लिखा ‘मीडिया ने जो यहां के हालात के बारे एक धुंधली तस्वीर बताई है, उस पर यक़ीन न करें, सवाल पूछें, हमारी आवाज को चुप करा दिया गया है… और कब तक. हममें से कोई भी वास्तव में नहीं जानता है’.
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद ज़ायरा से सलाव पूछ सकते हैं, उन्हें ट्रोल भी किया जा सकता है, कुछ लोग इसे पब्लिसीटी स्टंट भी बोल सकते हैं, लेकिन गौर करें तो ज़ायरा की बात और सवाल कहीं न कहीं कश्मीर के हालातों को ज़्यादा बेहतर बता रहें हैं.
हांलाकि, हम ज़ायारा की बात को पूरी तरह से सच नहीं बोल सकते, लेकिन हमें ये भी याद रखना है कि धुआं वहीं उठता है जहां आग लगी हो.
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