‘कैस्टो मुखर्जी’
हिंदी सिनेमा का वो नाम जिसने अपने किरदारों से दर्शकों को ख़ूब हंसाया. कैस्टो मुखर्जी का नाम बॉलीवुड के चंद बेहतरीन हास्य कलाकारों में शुमार है. वो जब भी पर्दे पर आते दर्शकों को एक रियल किरदार देखने को मिलता है. उन्होंने ज़्यादातर फ़िल्मों में भले ही एक शराबी की भूमिका निभाई हो, लेकिन असल ज़िंदगी में वो नशे से दूर थे.
कैस्टो मुखर्जी ने अपने 30 साल के करियर में क़रीब 90 से अधिक फ़िल्में की, उनके किरदार भले ही छोटे हों पर कॉमिक टाइमिंग ग़ज़ब की होती थी. शायद इसलिये आजतक बड़े-बड़े कलाकार भी उनकी कॉमिक टाइमिंग को टक्कर नहीं दे पाये. सबसे रोचक बात ये थी कि वो जब फ़िल्मों एक शराबी की भूमिका निभाते, तो उन्हें देख कर ऐसा लगता जैसे सच में उन्होंने नशा कर रखा हो, लेकिन हक़ीक़त में ऐसा नहीं था.
‘आपकी कसम’, ‘जंज़ीर’ और ‘शोले’ जैसी फ़िल्मों को उन्होंने अपने किरदार से यादगार बना दिया. अगर इस मशहूर अभिनेता के ड्रंक किरदारों की शुरुआत की बात करें, तो सबसे पहले वो इस रोल में 1970 में आई फ़िल्म ‘मां और ममता’ में नज़र आये थे. फ़िल्म में उनके किरदार को काफ़ी नोटिस किया गया और इसके बाद धीरे-धीरे यही किरदार उनकी पहचान बनने लगी.
एक अभिनेता के तौर पर उनकी बड़ी ख़ासियत ये थी कि वो हर रोल को काफ़ी सहजता और प्रफ़ुल्ता के साथ निभाते है. सबसे बड़ी बात ये थी कि उनके किरदार भले ही ज़बरदस्त न लिखे गये हों, लेकिन अपनी एक्टिंग से वो उसे यादगार बना देते. एक कलाकार की असली ख़ूबी यही होती है, जब वो अपनी एक्टिंग से मामूली से रोल को भी बड़ा बना देता है.
कैस्टो मुखर्जी अपने ड्रंक किरदारों के लिये हमेशा हमारे दिलों में बेहतरीन याद बन कर ज़िंदा रहेंगे.
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