South Star Childhood Photo : इंडियन फ़िल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई एक्टर्स हैं, जिनकी शुरुआती ज़िंदगी बेहद ग़रीबी में कटी, लेकिन उन्होंने ख़ुद पर से विश्वास नहीं खोने दिया. उन्होंने मेहनत के ज़रिए फ़िल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई और चमचमाती सिल्वर स्क्रीन पर सितारा बनकर उभरे. स्टार्स के स्ट्रगल की ऐसी कई कहानियां हम अक्सर सोशल मीडिया पर पढ़ते हैं कि अपने डेब्यू से पहले उनका जीवन कितनी कठिनाई से गुज़रा और अपना गुज़ारा चलाने के लिए कई स्टार्स ने छोटी-मोटी नौकरियां भी कीं.
ऐसे ही एक सुपरस्टार के यंग एज की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आज ये भारत के सबसे उच्चतम फ़ीस लेने वाले एक्टर हैं. इनकी पॉपुलैरिटी इतनी है कि साउथ में तो लोग इनकी पूजा करते हैं. लेकिन इनका फ़िल्मों में आने से पहले वाला सफ़र बेहद मुश्किलों से गुज़रा है. आइए आपको इनके बारे में बताते हैं.
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फ़िल्मों में विलेन बनने से पहले किया बस कंडक्टर का काम
इस स्टार का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ (Shivaji Rao Gaikwad) है. वो बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे थे और एक पुलिस कॉन्स्टेबल के बेटे थे. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के चलते उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करके छोटे-मोटे काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्होंने कभी कुली की नौकरी की, तो कभी बेंगलुरु ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर की नौकरी भी की. उनकी एक्टिंग में रुचि थी, इसी दौरान उनको कन्नड़ नाटककार टोपी मुनियप्पा ने अपने एक नाटक में रोल का ऑफ़र किया. यहीं से उनके एक्टिंग के सफ़र की शुरुआत हुई.
परिवार वाले थे एक्टिंग के ख़िलाफ़
अभी तक नहीं पहचान पाए? चलो थोड़ा और बता देते हैं. उनके परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वो एक्टिंग इंडस्ट्री में जाएं. लेकिन 70 के दशक में उन्होंने अपनी इच्छा से मद्रास फ़िल्म इंस्टिट्यूट (Madras Film Institute) में एक्टिंग कोर्स में एडमिशन लेने का फ़ैसला किया. यहां तमिल फ़िल्ममेकर बालचंद की उन पर नज़र पड़ी. उन्होंने एक्टर में टैलेंट के कीड़े को पहचान लिया और उसे निखारने के लिए तमिल सीखने की सलाह दी. इसके बाद उन्होंने अपनी फ़िल्म में उनको रोल ऑफ़र किया. जी हां, हम बात कर रहे हैं रजनीकांत (Rajinikanth) की. उन्हें रजनीकांत नाम उनके गुरु बालाचंदर ने दिया था. उन्होंने ये नाम अपनी 1966 की फ़िल्म मेजर चंद्रकांता से लिया था. अपनी पहली फ़िल्म ‘अपूर्वा रागंगल’ के बाद उन्होंने कई हिट फ़िल्मों में निगेटिव रोल्स किए. इसके बाद से 70 के दशक में उनकी छवि विलेन के रूप में मशहूर हो गई.
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ऐसे बने लीड एक्टर
70 के दशक तो वो फ़िल्मों में नज़र तो आने लगे थे, लेकिन जनता ने उन्हें कभी लीड एक्टर के तौर पर नहीं देखा था. इसके बाद उन्हें एक फ़िल्म मिली ‘बैरवी‘, जिसमें उन्हें लीड रोल ऑफ़र हुआ. फ़िल्म की सक्सेस ने उन्हें सुपरस्टार का ख़िताब दिला दिया. बिल्ला (डॉन की रीमेक) के साथ आगे की सक्सेस ने उन्हें एक एक्शन स्टार बनाया. 80s और 90s के दशक में उन्हें तमिल सिनेमा के स्टार के रूप में जाना जाने लगा. हाल ही में उनकी फ़िल्म जेलर (Jailer) रिलीज़ हुई है, जिसकी सक्सेस के बाद वो इंडियन सिनेमा के हाईएस्ट पेड एक्टर बन गए है.