नादिरा: अभिनय जगत की वो अदाकारा जो ख़लनायिका के किरदार निभाकर भी देती थीं हीरो-हीरोइन को टक्कर

J P Gupta

भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री की शुरुआत में पहले तो महिलाओं का किरदार पुरुष ही निभाते थे. फिर धीरे-धीरे समाज में जागरूकता फैली तो महिलाएं भी फ़िल्मों में काम करने लगीं. मगर अब भी फ़िल्मों में महिलाओं को अबला नारी के रूप में दिखाया जाता था. तब एक्ट्रेस बोल्ड या फिर खलनायिका का रोल करने को जल्दी तैयार नहीं होती थीं.

medium

ऐसे में एक एक्ट्रेस ने बोल्ड क़दम उठाते हुए ख़ुद को एक वैंप यानी खलनायिका के रोल में ऐसा ढाला कि लोग उन्हें आज भी याद करते हैं. इनका नाम है नादिरा जिनका असली नाम Florence Ezekiel था. आज हम आपको बॉलीवुड की इसी भूली-बिसरी अदाकारा के बारे में बताएंगे.

ये भी पढ़ें: क़िस्सा: जब रोहित शेट्टी बॉलीवुड स्टार्स के कपड़े इस्त्री किया करते थे

दी हैं कई यादगार फ़िल्में

cinemaazi

नादिरा 50-60 के दशक की जानी-मानी अभिनेत्री थीं, जिन्हें अधिकतर फ़िल्मों में नेगेटिव किरदार निभाते हुए देखा गया था. उन्होंने कई यादगार फ़िल्में दी हैं. इनमें ‘आन’, ‘श्री 420’, ‘पाकीज़ा’, ‘जूली’, ‘सिपासलार’, ‘दिल अपना और प्रीत पराई’, ‘हंसते जख्म’, ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी फ़िल्मों के नाम शामिल हैं. नादिरा को फ़िल्म ‘जूली’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड मिला था.

ये भी पढ़ें: क़िस्सा: जब फ़ौजी सीरियल के डायरेक्टर शाहरुख़ ख़ान के पीछे पत्थर लेकर दौड़ पड़े थे 

ऐसे मिला था पहला ब्रेक

thetempest

बताया जाता है कि नादिरा का परिवार बगदाद से मुंबई रोज़ी-रोटी की तलाश में आया था. नादिरा यहूदी धर्म से ताल्लुक रखती थीं. उन्हें पहला ब्रेक निर्देशक महबूब ख़ान की पत्नी सरदार बेगम की वजह से मिला था. दरअसल, देश की पहली रंगीन फ़िल्म ‘आन’ के लिए महबूब ख़ान को एक एक्ट्रेस की तलाश थी. इसके लिए उनकी पत्नी ने नादिरा का नाम सजेस्ट किया था.

मां को पसंद नहीं था उनका फ़िल्मों में काम करना

IMDb

‘आन’ हिट हुई और इसके बाद नादिरा का करियर चल पड़ा, लेकिन उनकी मां को नादिरा का फ़िल्मों में काम करना पसंद नहीं था. वो सोचती थीं कि इससे उनकी शादी नहीं होगी और न ही उन्हें कोई यहूदी धर्मस्थलों में पूजा करने देगा. मगर घर के हालातों को देखते हुए नादिरा ने काम करना जारी रखा. नादिरा को कुछ समय बाद राज कपूर की फ़िल्म ‘श्री 420’ मिल गई. इसमें उन्होंने पहली बार वैंप का किरदार निभाया. फ़िल्म में उनकी अदाकारी लोगों को पसंद आई, लेकिन अब नादिरा को कोई फ़िल्म में हीरोइन के रूप में साइन करने को तैयार नहीं था.

Rolls-Royce की करती थीं सवारी  

Twitter

इस तरह नादिरा को नेगेटिव रोल ही अधिक मिलने लगे, इन्हें भी नादिरा ने ऐसे निभाया कि एक दौर में वो हीरो-हीरोइन्स से अधिक कमाने लगीं. उन्हें 1949 में 1200 रुपये प्रति महीने वेतन मिलता था, जो धीरे-धीरे बढ़कर 3600 रुपये तक पहुंच गया. इतनी बड़ी रकम लेकर जब वो अपने घर पहुंची थीं तो उनकी मां ने पूछा था कि कहीं वो चोरी तो नहीं करने लगीं. ख़ैर, जब पैसा आया तो लाइफ़स्टाइल भी चेंज़ होनी ही थी. उन्होंने उस ज़माने में Rolls-Royce ख़रीदी. कहते हैं कि वो ये लग्ज़री कार ख़रीदने वाली भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री की पहली अभिनेत्री थीं.

अंतिम दिनों में थी़ अकेली

indiatimes

दौलत और शोहरत तो नादिरा ने ख़ूब कमाई पर पर्सनल लाइफ़ में ज़्यादा सुकून हासिल नहीं हुआ. शादी की तो वो भी ज़्यादा दिन नहीं टिकी, दूसरी शादी की बात कुछ लोग कहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने आख़िरी दिन अकेले ही काटे. उनके साथ थी बस एक हाउस हेल्प जो उनका मरते दम तक ख़्याल रखती रहीं.

आपको ये भी पसंद आएगा
जानिए आख़िर क्या वजह थी, जब 53 साल पहले सरकार ने बैन कर दिया था ‘Dum Maro Dum’ सॉन्ग
2024 में बॉलीवुड के ये 7 स्टार्स इंडस्ट्री में करने जा रहे हैं धमाकेदार कमबैक
Year Ender 2023: ‘डंकी’ और ‘सालार’ ही नहीं, इस साल इन फ़िल्मों की भी हुई थी बॉक्स ऑफ़िस पर टक्कर
‘Salaar’ ने एडवांस बुकिंग में तोड़ा ‘Dunki’ का रिकॉर्ड, USA में हुई ताबड़तोड़ एडवांस बुकिंग
ऋषि कपूर और नीतू कपूर का 43 साल पुराना वेडिंग कार्ड हुआ Viral! जानिए कैसी थी उनकी प्रेम कहानी
‘बॉबी देओल’ से लेकर ‘इमरान हाशमी’ तक, 2023 में इन 5 बॉलीवुड हीरोज़ ने विलेन बनकर लूटी महफ़िल