बॉलीवुड की ये 8 फ़िल्में जितनी वाहियात हैं, उतनी ही मशहूर. हद से ज़्यादा हैं इनके फ़ैन्स

Abhay Sinha

‘बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा’…  आज हम जिन बॉलीवुड फ़िल्मों के बारे में बात करेंगे, उन पर ये लाइन एकदम सटीक बैठती है. काहे कि शानदार फ़िल्म बनाकर तो कोई भी लोगों का दिल जीत सकता है. मगर दर वाहियात फ़िल्म से लोगों के दिलों पर छा जाने का हुनर सबके बस की बात नहीं. 

तो आइए, जानते हैं उन फ़िल्मों के बारे में जिन्होंने घटिया होने के बाद भी ताबड़तोड़ फ़ैन फ़ॉलोइंंग बटोरी है. 

1. जानी दुश्मन: एक अनोखी कहानी

moviekoop

इस फ़िल्म में पूरी इंडस्ट्री घुसेड़ ली गई. मगर न तो ये फ़िल्म चली और न ही अरमान कोहली का करियर. फ़िल्म में नाग ने डसा भले ही एक्टर्स को हो, मगर ज़हर दर्शकों के अंदर उतर गया. ऊपर से सोनू निगम की एक्टिंग भी कम ज़हरीली नहींं थी. लोग बाकायदा मुंह से फेना छोड़ दिए. मगर इसके बाद भी इस डरावनी फ़िल्म को लोग आज भी हंस-हंसकर देखते हैं. 

ये भी पढ़ें: बॉलीवुड की वो 12 फ़िल्में जिन्हें टीवी ने बना दिया सुपर-डुपर हिट, जब भी देखो मौज की गारंटी पक्की

2. देशद्रोही

indianexpress

कमाल राशिद ख़ान ने देशद्रोही फ़िल्म बनाने का जो पाप किया था, उसके लिए नरक में अलग से सज़ा लिखी जाएगी. मतलब यूपी-बिहार वाले भी बोल पड़े कि भइया मुंबई में उन्हें इत्ती तकलीफ़ न हुई, जित्ती इस फ़िल्म ने दी है. इस फ़िल्म में जब केआरके इमोशनल सीन करते, तो हंसी छूट जाती और जब कॉमेडी करते, तो दर्शक इमोशनल हो जाते.

3. गुंडा

cinestaan

आदमी शोले के डॉयलाग भूल सकता है, मगर गुंडा फ़िल्म के नहीं. मतलब सलीम-जावेद और गुलज़ार इकट्ठे बैठकर भी इत्ती राइमिंग न कर पाते, जित्ती इस फ़िल्म में है. ‘मेरा नाम है बुल्ला, रखता हूं खुल्ला.’ ‘लम्बू ने तुझे लंबा कर दिया, माचिस की तीली को खंभा कर दिया’ …वाह! वाक़ई ऐसी दूसरी फ़िल्म कभी नहीं बन सकती.

4. जोश

cinemaexpress

फ़िल्म के टाइटल की तरह ही ये मूवी भी जोश में बनी थी. बेमतलब की कहानी और उसमें फालतू के लफड़े. मगर यही चीज़ लोगों को पसंद भी आ गई. सारे लौंडों को अपने गैंग के नाम मिल गए. कुछ बिच्छू गैंग का सदस्य बन गया तो कोई ईगल का गैंग का माननीय हो लिया.

5. लाल बादशाह

ytimg

‘जब-जब होता है ज़ुल्मों का हादसा, तब-तब जन्म लेता है लाल बादशाह’. ये डॉयलाग जितना ऐतिहासिक है, उतनी ही फ़िल्म. भले ही अमिताभ बच्चन को इसका अफ़सोस हो, लेकिन हमें नहीं. हमारे लिए तो ये फ़िल्म फ़ेवरेट टाइम पास का ज़रिया है. 

6. सूर्यवंशम

indianexpress

इस फ़िल्म में अमिताभ ने दर्शकों का खूब ख़ून चूसा. इतना कि आख़िर में वो ख़ुद भी उसे पचा न पाए. भानु प्रताप सिंह को ख़ून की उल्टी करता देखने के लिए ही लोग पूरी फ़िल्म आज भी लोग देखते हैं. 

7. हिम्मतवाला

upperstall

न तो ये फ़िल्म फ़नी है और न ही देखने लायक. फिर हम इस नरक को देखने से बाज़ नहीं आते. मुझे लगता है कि साजिद ख़ान को इस फ़िल्म के लिए ऑस्कर देना चाहिए. काहे इत्ती वाहियात फ़िल्म बनाकर भी लोगों को मौज देना, कोई आसान काम नहीं है.

8. कोई मिल गया

ibtimes

ये फ़िल्म जितनी बेकार थी, उतनी ही ज़्यादा हिट साबित हुई. पता नहीं कैसे इस फ़िल्म को इतना लोगों ने पसंद किया. न.. न.. ये मत कहना कि तुम्हें पसंंद नहीं. बचपन में ऋतिक को ही देखकर तुम बॉर्नविटा पीते थे. आज भी धूप सुनते ही तुम्हें जादू याद आता है. दिल पर हाथ रखकर कहो कि ये सब झूठ है.

आपको ये भी पसंद आएगा
जानिए आख़िर क्या वजह थी, जब 53 साल पहले सरकार ने बैन कर दिया था ‘Dum Maro Dum’ सॉन्ग
2024 में बॉलीवुड के ये 7 स्टार्स इंडस्ट्री में करने जा रहे हैं धमाकेदार कमबैक
Year Ender 2023: ‘डंकी’ और ‘सालार’ ही नहीं, इस साल इन फ़िल्मों की भी हुई थी बॉक्स ऑफ़िस पर टक्कर
‘Salaar’ ने एडवांस बुकिंग में तोड़ा ‘Dunki’ का रिकॉर्ड, USA में हुई ताबड़तोड़ एडवांस बुकिंग
ऋषि कपूर और नीतू कपूर का 43 साल पुराना वेडिंग कार्ड हुआ Viral! जानिए कैसी थी उनकी प्रेम कहानी
पहचान कौन! वो साउथ इंडियन एक्ट्रेस जिसे डायरेक्टर ने बोला दिया था कि पहले “लड़कियों जैसी लचक लाओ”