Netflix पर अन्विता दत्त द्वारा निर्देशित डिजिटल फ़िल्म ‘बुलबुल’ रिलीज़ हो चुकी है. संस्पेंस और रोमांच से भरपूर ‘बुलबुल’ लोगों को काफ़ी पसंद आ रही है. फ़िल्म की कहानी के साथ-साथ इसकी लीड एक्ट्रेस तृप्ति डिमरी की भी काफ़ी तारीफ़ हो रही है.
तृप्ती ने फ़िल्म में एक बंगाली लड़की भूमिका है. तृप्ती के किरदार का नाम ‘बुलबुल’ होता है, जिसकी बचपन में एक अधेड़ उम्र के पुरुष से शादी कर दी जाती है. इसके बाद शुरु होता है, ‘बुलबुल’ की ज़िंदगी का असली संघर्ष. अपने किरदार के ज़रिये तृप्ति डिमरी ने एक युवा लड़की के क्रोध और दर्द को समाज के सामने बाख़ूबी से पेश किया है.
फ़िल्म में तृप्ती बंगाली लड़की के किरदार के साथ न्याय करती दिखाई दी. यही वजह है कि फ़िल्म रिलीज़ के बाद हर ओर उनकी चर्चा हो रही है. अब जिस एक्ट्रेस की इतनी चर्चा हो रही है. उनके बारे में थोड़ा बहुत और जान लेते हैं.
तृप्ति मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं. वहीं कुछ समय बाद वो परिवार के साथ दिल्ली शिफ़्ट हो गईं थी. दिल्ली में भी वो एक इलाक़े में रहती थीं. जहां के लोगों की सोच काफ़ी संकुचित थी. तृप्ती का कहना है कि एक समय था जब दिल्ली में रहते हुए वो 8-9 बजे के बाद घर से बाहर नहीं निकलती थी. वहीं मुंबई जाकर काफ़ी हद तक उनकी सोच में परिवर्तन आने लगा. बुलबुल के अनुभव के बारे में बात करते हुए तृप्ती ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा,
ये मेरे लिए पहले दिन से सीखने का एक शानदार अनुभव था. फ़िल्म के बाद मैं ख़ुद से ज़्यादा प्यार करने लगी. मैंने ख़ुद को वैसे स्वीकारा जो मैं हूं. साथ ही मैंने ये भी सीखा कि हम दूसरों को इतना हक़ क्यों देते हैं कि वो हमें दुख पहुंचा सकें. प्रोफ़ेशनल बनने के साथ-साथ फ़िल्म ने मुझे व्यक्तिगत रूप से भी बहुत कुछ सिखाया.
कैसे हुई थी करियर की शुरुआत?
तृप्ती कहती हैं कि वो अब तक कई फ़िल्मों के लिये ऑडिशन दे चुकी थीं. पर अंत में उन्हें यही बोल दिया जाता था कि फ़िल्म किसी बड़े स्टार कास्ट को दे दी गई.
‘बुलबुल’ में तृप्ती को राहुल बोस के साथ काम करने का मौक़ा मिला, जो उनके लिये एक बड़ी बात है. तृप्ति और राहुल बोस के अलावा फ़िल्म में अविनाश तिवारी, पाओली डैम, परमब्रत चटर्जी ने भी अहम रोल अदा किया है.
उम्मीद है कि तृप्ती अभिनय की दुनिया में एक बेहतरीन और अच्छा सफ़र तय करेंगी.
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