‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ गाना लिखने वाले गीतकार योगेश गौर का 77 साल की उम्र में हुआ निधन

Kratika Nigam

बॉलीवुड के दिग्गज लेखक और गीतकार योगेश गौर का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है. योगेश ने अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना की फ़िल्म ‘आनंद’ के लिए गाने लिखे, जिससे उनको एक गीतकार के रूप में पहचान मिली. इन्होंने ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’ और ‘ज़िंदगी कैसी है पहेली हाय’ जैसे गाने लिखे हैं, जो आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं. 

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दिग्गज गीतकार को स्वरकोकिला लता मंगेशकर ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने लिखा,

मुझे अभी पता चला कि दिल को छू लेने वाले गीत लिखने वाले कवि योगेश गौर जी का स्वर्गवास हो गया. ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ. योगेश जी के लिखे हुए कई गीत मैंने गाए. वो बहुत शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे. मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं.

अभिनेता और प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी और गीतकार वरुण ग्रोवर ने भी अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की है. 

आपको बता दें, योगेश गौर को गीतकार के तौर पर पहला ब्रेक फ़िल्म सखी रॉबिन (1962) से मिला. इसमें उन्होंने 6 गाने लिखे. योगेश जी ने ‘मंज़िल’, ‘रजनीगंधा’, ‘छोटी सी बात’, ‘बातों बातों में’, और ‘प्रियतमा’ जैसी फ़िल्मों के लिए भी गीते लिखे थे.

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इनके शानदार गानों में ‘कहीं दूर जब दिन ढल जाए’, ‘रिमझिम गिरे सावन’, ‘वफ़ा न रास आई तुझे ओ हरजाई’, ‘ज़िंदगी कैसी है पहेली हाय’, ‘ना जाने क्यूं होता है ये’ और ‘रजनीगंधा फूल तुम्हारे’ जैसे सुपरहिट गीत शामिल हैं.

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