अनुपम खेर (Anupam Kher) का नाम बॉलीवुड (Bollywood) के दिग्गज एक्टर्स में शुमार होता है. एक ऐसा एक्टर जिन्होंने इंडस्ट्री में हर तरह के रोल निभाए हैं. मगर आज वो जिस मुकाम पर हैं, उस तक पहुंचने के लिए उन्हें क़ाफ़ी संघर्ष करना पड़ा है. उनके शुरुआती दिनों में एक समय ऐसा भी था, जब वो इस कदर ग़ुस्सा गए थे कि उन्होंने बॉलीवुड के टॉप डायरेक्टर महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) को श्राप तक दे डाला था. साथ ही, महेश भट्ट के मुंह पर ही उन्हें सबसे बड़ा धोखे बाज तक कह डाला था.
ऐसा अनुपम ने क्यों किया था, आज हम आपको इसी से जुड़ा एक बेहद दिलचस्प क़िस्सा बताने जा रहे हैं.
जब 28 साल के लड़के को मिला 65 साल के बुज़ुर्ग शख़्स का क़िरदार
ये बात साल 1984 के आसपास की है. महेश भट्ट एक फ़िल्म बना रहे थे ‘सारांश’ (Saaransh). वही आइकॉनिक फ़िल्म, जिसने अनुपम को इंडस्ट्री के टॉप एक्टर्स की लिस्ट में डाल दिया. अनुपम ख़ेर की ज़िंदगी का ये सबसे बड़ा रोल था. दिलचस्प ये था कि वो ख़ुद उस वक़्त महज़ 28 साल के थे और वो रोल एक 65 वर्षीय बुज़ुर्ग शख़्स का था.
अनुपम खेर बताते हैं कि जब वो इस रोल के लिए महेश भट्ट से मिले, तो उन्होंने कहा, ‘ओह, मैंने सुना है कि तुम स्टेज पर अच्छे हो’… इस अनुपम ने जवाब दिया, ‘आपने ग़लत सुना, मैं शानदार हूं’. बस इसके बाद उन्होंने इस फ़िल्म के लिए मेरी कास्टिंग कर ली.
शूटिंग से कुछ दिन पहले अनुपम खेर को लगा झटका
अनुपम इस रोल को मिलने से बहुत ख़ुश थे. वो लगातार इस क़िरदार को समझने और उस जैसा बनने के लिए दिन-रात कोशिशों में लगे थे. मगर शूटिंग से कुछ दिन पहले उन्हें तब झटका लगा, जब मालूम पड़ा कि ये रोल कोई और करने वाला है.
अनुपम को उनके एक दोस्त से पता चला कि सारांश का ये क़िरदार संजीव कपूर को मिल गया है. उन्होंने इस अफ़वाह को कंफ़र्म करने के लिए महेश भट्ट को फ़ोन लगाया, तो पता चला कि ये वाक़ई सच है. महेश भट्ट ने कहा कि तुम्हें दूसरा रोल दे रहे हैं, वो बड़ा नहीं है, मगर उसमें तुम नोटिस किए जाओगे.
अनुपम ने कहा कि ‘मैं डर गया था. मैंने कहा कि ये शहर मेरे लायक नहीं है. इसलिए मैंने अपना सामान पैक किया और उसी दिन शहर को हमेशा के लिए छोड़ने का फ़ैसला कर लिया.’
जब अनुपम खेर (Anupam Kher) ग़ुस्से में पहुंचे महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) के घर
अनुपम मुंबई छोड़कर घर वापस जा रहे थे. वो रेलवे स्टेशन के लिए निकल रहे थे, तब ही उन्होंने सोचा कि वो ऐसे नहीं जाएंगे. पहले वो महेश भट्ट से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि वो उनके बारे में क्या सोचते हैं.
अनुपम खेर कहते है, ‘जब मैं उनके घर गया तो लिफ़्ट काम नहीं कर रही थी. मैं बहुत ग़ुस्से में था, तो सीढ़ियों से चल पड़ा. जैसे ही उनके घर का दरवाज़ा खुला, तो महेश भट्ट ने मुझे देखकर कहा, ओह शानदार, मैं तुम्हें दूसरा क़िरदार दे रहा हूं. ये बड़ा रोल नहीं है, लेकिन तुम्हें संजीव कुमार के साथ काम करने का मौक़ा मिलेगा.’
महेश भट्ट से बोल ही रहे थे कि अनुपम ने उन्हें बीच में ही टोक दिया और ग़ुस्से में बोले, रुकिये, मिस्टर भट्ट, खिड़की पर आइए, वो मेरी कैब है, मेरा सामान कैब में है. मैं इस शहर को छोड़ रहा हूं. लेकिन जाने से पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि आप इस धरती पर सबसे बड़े धोखेबाज हैं, झूठे हैं. आप सच पर फ़िल्म बना रहे हैं, मगर आपके अंदर ही सच्चाई नहीं है. मैं ये सब कहते हुए रोने लगा. मैंने कहा कि संजीव कुमार होंगे बड़े एक्टर, मगर ये रोल मुझसे बेहतर कोई नहीं कर सकता. मैं जा रहा हूं और जाने से पहले आपको श्राप देता हूं.’
ये सब बोलकर अनुपम ख़ेर वहां से नीचे अपनी टैक्सी के पास चले गए. वो अंदर बैठते इसके पहले ही महेश भट्ट ने उन्हें आवाज़ लगाई और ऊपर आने को कहा. उन्होंने प्रोड्यूसर्स को फ़ोन लगाया और कहा कि जो सीन मैंने अभी देखा है, उसे देखने के बाद तो मैं ये फ़िल्म अनुपम ख़ेर के साथ ही बनाऊंगा. अनुपम कहते हैं कि उस दिन टैक्सी का भाड़ा भी भट्ट साहब ने ही दिया था.
बता दें, आज अनुपम खेर बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की फ़िल्मों में काम कर चुके हैं. उन्हें अब तक 500 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम किया है.