Censor Board Cut These Scenes From Sholay: ‘शोले’ भारतीय सिनेमा की कल्ट क्लासिक फ़िल्मों में से एक है. रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित इस मूवी में संजीव कुमार, धर्मेंद्र, जया बच्चन, अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी और अमजद ख़ान जैसे स्टार्स थे.
फ़िल्म की स्टोरी के साथ ही स्टारकास्ट भी एकदम स्टीक थी. हर किसी ने अपना रोल बहुत ही शानदार तरीके से निभाया था. अमजद ख़ान का गब्बर वाला रोल तो उनकी पहचान बन गया. ऐसा विलेन का किरदार शायद ही किसी ने निभाया होगा. यही कारण है कि आज भी इस मूवी को देखने के लिए लोग टीवी सेट के आगे बैठ जाते हैं. 15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुई इस मूवी ने ताबड़तोड़ कमाई की थी.
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मुंबई के Minerva सिनेमा में 5 से अधिक साल तक दिखाई गई थी. मगर गब्बर वाले रोल के लिए पहली पसंद अमजद खान नहीं थे. उस रोल के लिए रमेश सिप्पी डेनी डेंग्जोंग्पा को लेने वाले थे. मगर किसी कारण से उन्हें फ़िल्म छोड़नी पड़ी. इसके बाद ये रोल अमजद ख़ान को मिला था.
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पहले ऐसे गब्बर को जान से मारता है
‘शोले’ (Sholay) के कुछ सीन्स पर भी सेंसर बोर्ड ने कैंची चलाई थी. इसकी वजह से रमेश सिप्पी को कुछ सीन दोबारा फ़िल्माने पड़े थे. पहला था वो सीन जिसमें गब्बर गांव के रहीम चाचा के बेटे अहमद को जान से मारता है. ये सीन सेंसर बोर्ड को बहुत ही हिंसक लगा था इसलिए इसे फ़िल्म हटा दिया गया था. ये रहा वो सीन:
पहले ये था फ़िल्म का क्लाइमैक्स
दूसरा सीन फ़िल्म के क्लाइमैक्स से जुड़ा है. इसमें गब्बर को ठाकुर बड़ी ही बेरहमी से मारता है. वो पहले उसे एक पैनी कील पर दे मारता है और फिर बाद में उसके हाथ काटता है. फिर वीरू के सामने इमोशनल हो जाता है. इस सीन पर भी सेंसर बोर्ड ने अपनी कैंची चला दी थी. यहां देखिए वो सीन:
इन दोनों ही सीन्स को रमेश सिप्पी को फिर से फ़िल्माना पड़ा था. मगर सेंसर बोर्ड की कैंची चलने के बाद भी मूवी हिट रही और लोगों ने इस ख़ूब सराहा. इस मूवी को लगभग हर कैटेगरी में फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था. अवॉर्ड तो नहीं मिले पर दर्शकों का प्यार इसे आज भी मिल रहा है.