देशभर में तेज़ी से फैल रहा H3N2 Influenza Virus क्या है और जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है

J P Gupta

H3N2 Influenza Virus: इन दिनों उत्तर भारत सहित पूरे देश में एक नए वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि दिल्ली के हर घर में कोई ना कोई इस वायरस की चपेट में है. परेशानी की बात ये है कि ये आम वायरल बुखार के जैसे ही लगता है लेकिन ये लंबे समय तक आपके शरीर को जकड़े रहता है. जो इसकी चपेट में आ गया उसका सर्दी-खांसी, बुखार से बुरा हाल है. इस नए वायरस का नाम H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस बताया जा रहा है. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि क्या है ये वायरस, इसके लक्षण क्या हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है.

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस क्या है (What Is H3N2 Influenza Virus)?

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ये इन्फ्लूएंजा वायरस का एक प्रकार है जिसे इन्फ्लुएंजा A वायरस कहा जाता है. ये सांस से जुड़ा वायरल संक्रमण है जो हर साल लोगों को बीमार करता है. पहली बार इस वायरस का एक प्रकार 1968 में खोजा गया था. 

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण क्या हैं (What Are The Symptoms Of H3N2 Influenza Virus)?

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इस वायरस से पीड़ित मरीज को बुखार, खांसी, बहती नाक, बंद नाक, गले में दर्द, उल्टी, सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी होना, दस्त जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं. कुछ केस में बुखार अधिक होता है और ये ठीक होने के बाद खांसी लगभग 3 सप्ताह तक परेशान कर सकती है. 

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एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस को कैसे रोका जाए (How To Prevent H3N2 Influenza Virus)?

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H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतें. जैसे बार-बार हैंडवॉश से हाथ धोना, बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचना, छींकने या खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकना और बीमार होने पर स्कूल या काम से छुट्टी ले लेना. हर साल इससे संबंधित वैक्सीन लगवाना.

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ये वायरस कैसे फैलता है (How Is It Spread)

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ये एक अत्यंत संक्रामक वायरस है जो एक मरीज से दूसरे में जल्दी फैलता है. पीड़ित व्यक्ति के खांसने-छीकने पर हवा में मिलने वाली पानी की बूंदों के संपर्क में आने से या फिर ऐसी सतहों पर हाथ लगाने से जो इसके संपर्क में आई हो. गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग इसके चपेट में जल्दी आते हैं. 

इसका इलाज कैसे किया जाता है (How Is It Treated)?

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आराम करना, बहुत अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना, बुखार और बदन दर्द की दवा लेने से इस बीमारी में आराम मिलता है. अगर इन सबसे आराम न मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस से बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं चलिए वो भी जान लेते हैं…

क्या करें:

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-भीड़ वाली जगहों में जाने से बचें और फ़ेस मास्क का प्रयोग करें.

-अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं.

-अपने मुंह या नाक को न छुएं.

-छींकते और खांसते समय अपने मुंह और नाक ढक लें.

-बुखार और शरीर में दर्द होने पर पेरासिटामोल खाएं.

-खू़ब सारे तरल पदार्थ पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखें.

क्या न करें:

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-सार्वजनिक स्थानों पर थूकना.

-लोगों से हाथ मिला अभिवादन करना.

-सबके साथ बैठकर भोजन करना.

-डॉक्टर से पूछे बिना ही  एंटीबायोटिक्स या किसी अन्य दवा का उपयोग करना.

Note: अगर आपको लग रहा है कि आपके अंदर H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर ट्रीटमेंट शुरू करें.

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