ब्रिटिशर्स का वो Tea अभियान, जिसकी वजह से भारत में रेलवे स्टेशन से लेकर घर तक मशहूर हो गई चाय

Nikita Panwar

How Chai Popular In India: चाय भारत की सबसे पसंद की जाने वाली ड्रिंक है. लोग कहते हैं, “चाय” हर मर्ज़ का इलाज है. सर्दियों में गरम चाय की चुस्की सारी चीज़ें ठीक कर देती हैं. वहीं राजनीति में भी चाय ने बहुत बड़ा पार्ट प्ले किया है. भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री एक चायवाले थे. ऐसे ही चाय को लेकर हमारे देश में कई कहानियां आपको सुनने को मिल जाएंगी. मगर चाय हमेशा भारत की पसंदीदा ड्रिंक नहीं थी. लेकिन अंग्रेज़ों के एक अभियान ने “चाय” को भारत को हर घर तक पहुंचा दिया. चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम उस अभियान के बारे में जानते हैं जिसकी वजह से चाय भारत में लोकप्रिय हो गया.

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चलिए जानते हैं भारतीय और चाय के दिली कनेक्शन के बारे में (British Campaign That Made Indians Fall In Love With Chai)-

1- एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में 2018 में 88% लोगों के चाय पीने की जनसंख्या थी. जिसमें से 64% लोग रोज़ाना चाय पीते हैं.

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2- रॉजर बैबसन, 20वीं सदी के अर्थशास्त्री थे. उन्होंने यह सिद्ध करने में मदद कि, न्यूटन के गति के तीसरे नियम के साथ शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव होता है. जिसके लिए 5 सितंबर 1929 को, उन्होंने होने वाली बाज़ार दुर्घटना की भविष्यवाणी करते हुए, सबके सामने एक भाषण भी दिया था.

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3- 1929 में विश्वव्यापी आर्थिक महामंदी से पूरा विश्व परेशान था. सभी प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं की मांग ख़राब हो गई. जिसमे चाय भी नहीं बच सका.

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4- जिसके कारणवश चाय की रातों रात मांग कम हो गई. लेकिन भारत के ब्रिटिश कॉलोनीज़ और सीलोन अभी भी चाय का अधिशेष उत्पादन कर रहे थे.

5- महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक “Key To Health” में चाय के हानिकारक प्रभावों का वर्णन किया था और इसे ‘नशीला’ तक कहा. चाय से जुड़ी इस विचारधारा ने कभी भी अंग्रेजों की भारतीयों में चाय पसंद करने की योजना नहीं बनने दी.

6- लेकिन अंग्रेज़ों ने इसे एक आख़िरी मौक़ा देने का फ़ैसला किया और Indian Tea Market Expansion Board (ITMEB) ने भारतीयों में चाय पीने की आदतों का सर्वे किया और एक मार्केटिंग अभियान शुरू करने का फ़ैसला किया, वो चाय को भारतीयों के ज़िंदगी का अहम हिस्सा बनाएंगे.

7- Indian Tea Market Expansion Board (ITMEB) ने ठेकेदारों को काम पर रखा और उन्हें ब्रिटिश तरीक़े से चाय बनाना सिखाया. जिसके बाद सारे ठेकेदारों को जगह-जगह भेजा और चाय के फ़ायदे समझाना शुरू कर दिया.

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8- हर रेलवे स्टेशन के चाय की दुकान के पास, सही तरीके से ब्रिटिश चाय बनाने की विधि भी बोर्ड पर लगी होती थी. आज भी दम दम (बंगाल) रेलवे स्टेशन के प्लेटफ़ॉर्म नंबर 3 पर इस विधि का बोर्ड लगा हुआ है!

9- बोर्ड ने सोचा कि, महिलाएं चाय की खपत और कल्चर को ज़्यादा अच्छी तरीक़े से घरों में स्थापित कर पाएंगी.

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10- जिसके बाद चाय के छोटे पैकेट को मुफ़्त में बेचने की रणनीति काफ़ी काम आई. Lipton और Brooke Bond ने तुरंत इस स्कीम को अपना लिया.

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11- इस रणनीति के नतीजा काफ़ी पॉपुलर और हिट हो गया और भारत में चाय को लोगों ने ख़ूब पसंद किया. इसी तरह एक अभियान ने भारतीयों की ज़िंदगी में चाय को पसंदीदा ड्रिंक बना दिया. लेकिन हम भारतीयों ने चाय को और देसी बनाने के लिए उसमें अदरक, इलाइची और दूध मिला दिया.

12- अब घर हो या फ़िर रेलवे स्टेशन, चाय के नाम से ही दिल और दिमाग तुरंत दुरुस्त हो जाता है.

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