इन 5 ऐतिहासिक स्थलों के दरवाज़े क्यों हैं सालों से बंद? रोचक है इसके पीछे की कहानियां

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Mysterious Doors Indian Sites : भारत (India) एक ऐसा देश है, जो कई ऐतिहासिक स्मारकों और प्राचीन मंदिरों से परिपूर्ण है. हालांकि, ऐसी कई स्मारक और मंदिर हैं, जिनसे कुछ रहस्यमयी राज़ भी जुड़े हुए हैं. इनमें काफ़ी ऐसे स्थल हैं, जिनके कुछ दरवाज़ों को कई सालों से ही नहीं बल्कि कई सदियों से नहीं खोला गया है. माना जाता है कि इन दरवाज़ों को सील करने के पीछे कुछ गंभीर कारण थे.

आज हम आपको भारत के कुछ ऐतिहासिक स्मारक और मंदिरों के बंद दरवाज़ों के पीछे की कहानी बताएंगे.

1. क़ुतुब मीनार के बंद दरवाज़े का रहस्य

क़ुतुब मीनार को दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में गिना जाता है. इस शानदार इमारत को बनाने की शुरुआत क़ुतुबुद्दीन-ऐबक ने की थी. हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी इल्तुमिश ने इस काम को पूरा किया. उस दौरान इमारत का एक दरवाज़ा खुला हुआ था, जिसे बाद में बंद कर दिया गया. बताया जाता है कि 4 दिसंबर 1981 में क़ुतुब मीनार के अंदर लोगों के साथ एक भयानक हादसा हुआ था. जिसकी वजह से अंदर भगदड़ मच गई और क़रीबन 45 लोगों की मौत हो गई. यही वजह है कि ये दरवाज़ा आज तक नहीं खोला गया है.

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2. पद्मनाभस्वामी मंदिर का सांतवा दरवाज़ा

भगवान विष्णु को समर्पित ये मंदिर तिरुवनंतपुरम में स्थित है. इसे त्रावणकोर के राजाओं द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर के जब 6 दरवाज़ों को खोला गया था, तो उसमें क़रीब 1 लाख 32 हज़ार करोड़ का ख़ज़ाना भारत सरकार को प्राप्त हुआ था. हालांकि, सातवां दरवाज़ा अभी तक खोला नहीं गया. कहा जाता है कि एक बार किसी व्यक्ति ने इसे खोलने का प्रयास किया, तो उसे ज़हरीले सांप ने काट लिया. लोगों की मान्यता है कि इसकी रक्षा सांप करते हैं. लेकिन अब तक इसके राज़ से पर्दा नहीं उठ पाया है.

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3. कोंणार्क सूर्य मंदिर का बंद दरवाज़ा

कोंणार्क सूर्य मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है. रथ के आकार में बनाया गया ये मंदिर भारत की मध्यकालीन वास्तुकला का अनोखा उदाहरण है. इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था. कई आक्रमणों और नेचुरल डिज़ास्टर्स के कारण जब मंदिर ख़राब होने लगा, तो 1901 में उस वक़्त के गवर्नर जॉन वुडबर्न ने जगमोहन मंडप के चारों दरवाज़ों पर दीवारें उठवा दीं और इसे पूरी तरह रेत से भर दिया. ताकि ये सलामत रहे और इस पर किसी डिज़ास्टर का इफ़ेक्ट ना पड़े. इस काम में तीन साल लगे और 1903 में ये पूरी तरह पैक हो गया.

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4. ताजमहल के बंद दरवाज़े

दुनिया के प्रमुख आकर्षणों में से एक आगरा में स्थित ताज महल में 22 दरवाज़े बंद हैं. 2022 में इन्हें खोलने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच में याचिका दायर हुई थी. इतिहासविदों के अनुसार, इन कमरों को आख़िरी बार 1934 के समय खोला गया था. कुछ सिद्धांतकारों का मानना है कि ताजमहल के बेसमेंट में कमरे मार्बल से बने हुए हैं. कहते हैं कि तहखाने में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अगर बढ़ती है, तो वो कैल्शियम कार्बोनेट में बदल सकती है, जिससे स्मारक को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, ताजमहल की उत्तरी दीवार के दो दरवाज़े तो ईंटों की चिनाई कर बंद करा दिए गए, जबकि वर्ष 1970 से पूर्व ये खुले थे.

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5. दिगंबर जैन मंदिर का बंद दरवाज़ा

ये जैन मंदिर भारत के अतिशय क्षेत्र बरासो में स्थित है. इसका दरवाज़ा लगभग 800 सालों से बंद था. इसे 2019 में खोला गया था. इस मन्दिर का दरवाजा खोलते ही लोगो ने देखा कि वहां एक कमरे के नीचे एक और कमरा बना हुआ था, जिसके अंदर बहुत ही प्राचीन समय की कुछ चीजें लोगों को हाथ लगी. इसे देखकर लोगों को बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगा कि ये चीज़ें वर्षों पुरानी हैं. इसके अंदर एक और गुफ़ा भी थी, जिसमें से काफ़ी कूढ़ा-कचरा निकला था.

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