1. प्रतिरोध का प्रतीक
Berlin War Memorials: द्वितीय विश्व युद्ध 1945 में ख़त्म हुआ, लेकिन वो एक साल पहले 20 जुलाई 1944 को ही ख़त्म हो जाता अगर हिटलर को मारने निकले कुछ जर्मन अधिकारी अपने मिशन में सफल हो जाते, लेकिन क्लाउस शेंक ग्राफ़ फ़ॉन स्टाउफ़ेनबर्ग के नेतृत्व में निकले ये अधिकारी असफल रहे और उन्हें ख़त्म कर दिया गया. जर्मन रेज़िस्टेंस मेमोरियल सेंटर (German Resistance Memorial Center) ऐसे ही लोगों की याद में बनाया गया, जिन्होंने नाज़ी शासन का मुक़ाबला करने में अपनी जान दे दी.
Berlin War Memorials
2. यहूदियों को श्रद्धांजलि
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बर्लिन में नाज़ी शासन में मारे गए लोगों की याद में कई स्मारक हैं. इनमें सबसे मशहूर और सबसे बड़ा है ब्रैंडनबर्ग गेट के पास स्थित होलोकॉस्ट मेमोरियल. यहां पत्थर के 2,711 शिलापट्ट हैं जो पूरे यूरोप में मारे गए 60 लाख से भी ज़्यादा यहूदियों के प्रति श्रद्धांजलि के प्रतीक हैं.
3. जहां बनाई जाती थी आतंक की योजनाएं
“टोपोग्राफ़ी ऑफ़ टेरर” के नाम से जाना जाने वाला यह स्थल 1933 से 1945 तक नाज़ियों की सीक्रेट स्टेट पुलिस ‘गेस्टापो’ और आतंक मचाने वाले बल ‘एसएस’ का मुख्यालय था. यहीं नाज़ियों के आतंक के जाल बुने जाते थे और उनका संचालन किया जाता था. आज यहां सालाना क़रीब 10 लाख लोग आते हैं.
4. सिंटी और रोमा लोगों की याद में
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बर्लिन के टीयरगार्टन स्थित यह स्मारक नाज़ियों द्वारा जर्मनी और दूसरे यूरोपीय देशों में मारे गए पांच लाख ‘जिप्सी’ लोगों को श्रद्धांजलि है. यह एक कुंड जैसा है जिसे प्रतीकात्मक आंसुओं से भरा गया है.
5. काइज़र विल्हेम मेमोरियल चर्च
काइज़र विल्हेम मेमोरियल चर्च 1943 में बमबारी में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. युद्ध के बाद इसे ध्वस्त कर फिर से बनाने का फ़ैसला लिया गया, लेकिन बर्लिन के लोगों ने इसका विरोध किया. फिर तय किया गया कि 233 फ़ीट के इस टॉवर को युद्ध और तबाही के ख़िलाफ़ और शांति और सुलह के प्रतीक के रूप में ही संभाल कर रखा जाएगा.
6. सोवियत युद्ध स्मारक
ट्रेप्टो स्थित इस विशालकाय सोवियत स्मारक (Berlin War Memorials) में एक सोवियत सिपाही को एक हाथों में बचाए हुए एक बच्चे को लिए टूटे हुए स्वास्तिक के एक चिन्ह के ऊपर खड़ा हुआ दिखाया गया है. यहां 1945 में बर्लिन के लिए लड़े गए युद्ध में मारे गए 7,000 सोवियत सिपाहियों को दफ़नाया गया था. (कर्स्टिन श्मिट)