भारत में आज भी कई ऐसी जगहें हैं जो बेहद ख़तरनाक यानी कि भूतिया मानी जाती हैं. इन जगहों पर कई बार भूत-प्रेत देखे जाने का दावा भी किया गया है. इनके किस्से भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में मशहूर हैं. इसलिए इन स्थानों पर रात में ठहरने की सख़्त मनाही है.
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भारत में एक से बढ़कर एक भूतिया जगहें हैं. इन्हीं में एक दमस बीच भी है. इसे भूतिया बीच भी कहा जाता है. ख़ूबसूरती के मामले में ये भारत का सबसे अच्छा बीच है. ख़ासकर चंद्रमा की छटा जब दरिया किनारे पड़ी रेत पर पड़ती है, तो दृश्य बेहद मनमोहक हो जाता है.
कहां है दमस बीच?
‘दमस बीच’ गुजरात के सूरत एयरपोर्ट से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये ख़ूबसूरत बीच 2 किलोमीटर तक फैला हुआ है. ये दिखने में बेहद सुंदर व आकर्षक है. इस बीच तक पहुंचने के लिए पर्यटकों के लिए हर तरह की ट्रांसपोर्ट सेवाएं उपलब्ध हैं.
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दमस बीच की सबसे ख़ास बात ये है कि यहां की रेत सफ़ेद नहीं, बल्कि काली है. इस बीच को ‘लवर पॉइंट’ भी कहा जाता है, क्योंकि यहां युवा काफ़ी अधिक संख्या में आते हैं. रात के समय में लहरों की आवाज़ और चांद की रौशनी से पानी का मोतियों जैसा चमकना बेहद प्यारा लगता है.
क्यों कहते हैं इसे भूतिया बीच?
दमस बीच पर रात के समय ठहरना ख़तरे से खाली नहीं है. इसलिए शाम ढलते ही पर्यटक अपने घरों पर लौट जाते हैं. इस बीच के बारे में कहा जाता है कि यहां पर किसी काले साये का प्रकोप है. शाम ढलते ही यहां प्रेतों का तांडव शुरू हो जाता है. किसी के रोने और सिसकने की आवाज़ें आने लगती हैं. कभी-कभी तो ऐसा भी प्रतीत होता है मानो भूत-प्रेत जश्न मना रहे हों.
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दमस बीच के बारे में ये भी कहा जाता है कि किसी ज़माने ये नवाबों का बसेरा हुआ करता था, लेकिन वर्तमान में ये बीच मछुवारों का बसेरा है. हालांकि, मछुवारे भी यहां केवल दिन के समय में ही रहते हैं. रात होते ही वो भी अपने घरों को लौट जाते हैं.
हालांकि, इन दावों की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. लेकिन इतना ही कहेंगे कि आप जब भी ‘दमस बीच’ जाएं शाम ढलने से पहले वापस लौट आएं.