हम इंडियंस जो बोलते हैं वो करते नहीं हैं और हमारी इसी Hypocrisy को बता रही हैं ये 14 बातें

Kratika Nigam

कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर ‘Blacks Lives Matter’ काफ़ी ट्रेंड हो रहा था. इसके पीछे की वजह एक अफ़्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति, George Floyd की हत्या थी. उसी के लिए न्याय की मांग करते हुए लोगों ने विरोध जताया.

वैसे हम भारतीय इन सब चीज़ों में पड़ तो जाते हैं, लेकिन अगर हम असलियत देखें तो कहीं न कहीं हम भी रंग का फ़र्क करते हैं, विचारों का फ़र्क़ करते हैं, यहां तक कि इंसानों में भी फ़र्क़ करते हैं. मगर फ़र्क़ करने के बाद बहुत आसानी से कह देते हैं ‘अरे नहीं हम तो ऐसे नहीं हैं.’ उदाहरण के तौर पर, काला रंग अच्छा है, लेकिन बहू गोरी चाहिए. बच्चे की ख़्वाहिश ज़रूरी है, लेकिन सरकारी नौकरी उससे भी ज़रूरी है.  

भारतीयों की Hypocrisy के कुछ ऐसे ही उदाहरण हम आपको देंगे, जिससे कहीं न कहीं आप सब इत्तेफ़ाक़ रखते होंगे.

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