गलवान घाटी में शहीद होने वाले जांबाज़ कर्नल संतोष बाबू की शहादत पर है मां-बाप को गर्व

Akanksha Tiwari

लद्दाख की गलवान घाटी से भारतीय सैनिकों की शहादत की ख़बर आ रही है. 15 जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. आर्मी ऑफ़िसर कर्नल संतोष बाबू भी शहीद जवानों में से एक हैं. 

संतोष बाबू के माता-पिता तेलंगाना के सूर्यपेट में रहते हैं. वहीं उनके बीवी-बच्चे दिल्ली में रहते हैं. माता-पिता इस आस में थे कि लॉकडाउन ख़त्म होते ही वो पत्नि और बच्चों के साथ घर आएंगे. पर अफ़सोस ऐसा न हो सका. शहीद कर्नल के पिता बी. उपेंद्र का कहना है कि कर्नल संतोष और बच्चे दिल्ली से हैदराबाद शिफ़्ट होने वाले थे. बच्चे ट्रांसफ़र को लेकर बेहद उत्साहित भी थे, क्योंकि वो दादा-दादी के और नज़दीक आ जाते. कर्नल के पिता का कहना है कि उन्हें सीमा पर चल रहे तनाव का पता था, पर ऐसा होगा सोचा न था. 

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वहीं कर्नल की मां मल्लिका का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. पर एक मां के तौर पर वो टूट गई हैं. उनका कहना है कि वो ऐसे शख़्स थे, जो किसी को बचाने के लिये अपनी जान जोख़िम में डालने से पहले सोचते तक नहीं थे. मां का कहना है कि वो फिर से कभी कर्नल की वज़नदार आवाज़ में अम्मा नहीं सुन पाएंगी. 

शहीद कर्नल संतोष बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफ़िसर थे और करीब डेढ़ साल से सीमा पर तैनात थे. उनकी पत्नि का नाम संतोषी है. उनकी 9 साल की एक बेटी और एक 4 वर्षीय बेटा भी है. संतोष बाबू के पिता रिटायर्ड बैंकर हैं और उन्होंने रविवार शाम फ़ोन पर मां से बात करते समय बॉर्डर पर चल रहे तनाव का ज़िक्र भी किया था. वो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. 2004 में उन्होंने सेना जॉइन की थी और उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी. 

बता दें कि 1975 के बाद ये पहली बार है जब भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई है. देश के लिए अपनी जान क़ुर्बान करने वाले जवानों हर एक हिंदुस्तानी आपका कर्ज़दार है. 

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