‘स्वच्छ भारत अभियान’ में योगदान देने के लिए जोधपुर के लोग अपनी कारों में लगा रहे हैं डस्टबिन

Suneel

महात्मा गांधी ने कहा है कि ‘अच्छा स्वास्थ्य, सबसे उत्तम धन है’. अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है कि बीमारियां न हों. ज़्यादातर बीमारियों की जड़ गन्दगी ही होती है. सरकार भी सफ़ाई के मुद्दे को लेकर समय-समय पर जनता को विज्ञापनों और दूसरे माध्यमों से जागरूक करती रहती है.

सरकार ने सफ़ाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय स्तर का एक अभियान शुरू किया था. इस अभियान का नाम ‘स्वच्छ भारत मिशन’ रखा गया और इस अभियान का उद्देश्य 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से स्वच्छ बनाना है.

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इसकी सफ़लता के लिए सरकार एक विशाल मीडिया अभियान भी शुरू करने पर विचार कर रही है, जिससे कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को स्वच्छता अभियान से जोड़ा जा सके. स्वच्छ भारत अभियान से सफ़ाई के क्षेत्र में हुई प्रगति से बिल गेट्स भी काफ़ी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने इसके लिए प्रधानमन्त्री मोदी के साथ-साथ, भारतीय नागरिकों के प्रयासों की भी सराहना की.

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माइक्रोसॉफ़्ट के संस्थापक बिल गेट्स हमेशा से ही दुनिया में शौचालय और स्वच्छता के परिदृश्य को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते रहे हैं और उन्होंने इन चीज़ों से लड़ने के लिए अपनी तरफ़ से महत्वपूर्ण प्रयास भी किया है. ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के का उद्देश्य खुले में शौच की समस्या के साथ-साथ, झुग्गी-झोपड़ियों और सड़कों पर फैली गन्दगी को भी हटाना है.

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स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देने के लिए जोधपुर के लोगों ने एक पहल शुरू की है. ये लोग अपनी कार में एक डस्टबिन जोड़ते हैं और सड़क पर पड़ा कूड़ा-कचरा उठाकर उसे डस्टबिन में डाल देते हैं. जोधपुर के कमला नगर निवासियों ने सबसे पहले डस्टबिन लगाने की शुरुआत की और अब सभी स्थानीय लोग इसका पालन कर रहे हैं.

इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कमला नगर के निवासी यूसुफ़ ने कहा कि मोदीजी ने देश को साफ़ करने के लिए जो अभियान शुरू किया है, उसका हम सभी को समर्थन करना चाहिए. पर्यावरण की गंदगी देखना दुखद है. हमें न केवल अपने शहर, बल्कि अपने देश की स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए.
कमला नगर के ही एक और निवासी गोपाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैं सड़क से कचरा इकठ्ठा करता हूं, उसे अपनी गाड़ी में लगी डस्टबिन में डालता हूं. इसके बाद उसे डंपिंग यार्ड में डाल देता हूं. मैं एक हफ्ते से ऐसा कर रहा हूं और ये काम करके मुझे बहुत ख़ुशी मिल रही है.

यहां तक की ऑडी जैसी कुछ महंगी गाड़ियों में भी डस्टबिन लगे हुए दिख रहे हैं, जो स्थानीय लोगों के मज़बूत इरादों को दिखाते हैं.

इसमें कोई शक़ नहीं कि ये एक बेहतरीन पहल है और इस पहल को देश के हर हिस्से में अपनाया जाना चाहिेए. इसके अलावा हमें अपने स्तर पर स्वच्छता अभियान को सफ़ल बनाने में अपना योगदान देते रहना चाहिए. ताकि हम और हमारे देशवासी स्वस्थ रहें और गांधी जी का ‘स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत’ का सपना पूरा हो सके.

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