साइंस म्यूज़ियम में मौज़ूद रोबोट्स इंसानों का काम आसान तो करेंगे, मगर समस्या भी पैदा कर सकते हैं

Shankar

विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हर दिन नए-नए आविष्कार हो रहे हैं. ये आविष्कार मानव जीवन को आसान तो बना ही रहे हैं, मगर एक लिहाज़ से देखा जाए, तो भविष्य के लिए संकट भी खड़ा कर रहे हैं. यह सही है कि दुनिया भर में तकनीक को लेकर रोज़ हो रहे बदलावों ने हर क्षेत्र में काम को आसान बना दिया है. लेकिन बदलती तकनीक की इस रफ़्तार से हम इंसानों का परेशान होना लाज़िमी है. वैसे तो मशीनें सदियों से हमारे नौकर के रूप में काम करती रही हैं, मगर अब वो दिन दूर नहीं, जब रोबोट हमारा मालिक बन जाएगा.

दरअसल, लंदन के ‘साइंस म्यूज़ियम रोबोट प्रदर्शनी’ में इंसानों को उनके पांच सौ साल पुराने इतिहास को पढ़ाने के उद्देश्य से रोबोट की सेना को उतारा गया. सच कहूं, तो अब रोबोट हर वो काम करेगा, जिसकी कल्पना शायद इंसानों ने भी नहीं की होगी.

ये Animatronic baby नामक रोबोट दुनिया भर के माता-पिता को बुरे सपने दिखाने के लिए काफ़ी है. इस प्रदर्शनी में सौ से अधिक रोबोट्स दिखाये जा रहे हैं.

प्रदर्शनी में रोबोट्स धर्म, संस्कृति, विज्ञान और औद्योगिक क्रांति में मानवीय मशीनों द्वारा निभाई गई भूमिका की पड़ताल करेंगे.

इस प्रदर्शनी में रिसेप्शन पर ‘Inhka’ नामक, जो रोबोट मौज़ूद है, वो आपके हर सवालों का जवाब देगा और कई तरह के फैशन की सलाह भी. इसके अलावा Zeno R25 रोबोट, आपके चेहरे के हाव-भाव की नकल भी कर सकता है.

जहां जापान का Kodomoroid रोबोट न्यूज़ बुलेटिन पढ़ता है और वहीं RoboThespian वोकल अभ्यास करता है और नाटकीय प्रदर्शन भी करता है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस प्रदर्शनी में जापान का ही एक रोबोट ऐसा भी है, जो इंसानी आवाज़ में न सिर्फ़ फ़ोन उठाकर बात कर सकता है, बल्कि दूसरी तरफ़ फ़ोन पर मौज़ूद व्यक्ति की मिमिक्री कर लेता है.

इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि Trumpet बजाना इस रोबोट के लिए कितना आसान काम है. ये रोबोट्स ग्राहकों की सहायता के लिए भी एयरपोर्ट्स और बैंकों में इंसानों को रिप्लेस कर रहे हैं.

सच कहूं, तो मानव की कई भूमिकाओं को अब मशीनें रिप्लेस कर रही हैं, मसलन कॉल सेंटर पर फ़ोन ऑपरेटर के रूप में रोबोट.

सदियों से हर पीढ़ी ने अपने हिसाब से विज्ञान और तकनीक की नई लहरों का अनुभव किया है. इसी क्रम में मानव ने रोबोट का भी आविष्कार किया.

मानव शरीर एक मशीन की तरह है. बस इसी विचार ने रोबोट को लाने में एक बड़ी भूमिका निभाई. ऐसा कहा जाता है कि धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति के लिए करीब 1560 ई. के आस-पास Automaton Monk के रूप में पहला रोबोट अस्तित्व में आया.

लंदन के 73 वर्षीय Mr Greenhill के मुताबिक, मैं इस प्रदर्शनी में Air Muscle का कॉन्सेप्ट लेकर आया हूं.

इस प्रदर्शनी में एक से बढ़ कर एक रोबोट हैं, जिनके अलग-अलग काम है. अगर इन रोबोट्स का मानवीय जीवन में पूरी तरह से दखल हो जाता है, तो शायद हम इंसानों को इससे फ़ायदा तो होगा, मगर हानि उससे कई गुना ज़्यादा होगी. बार-बार ख़बरें आ रही हैं कि रोबोटिक तकनीक के चलते आने वाले समय में लोगों से नौकरियां छिन सकती हैं.

आज जो काम इंसानों से करवाये जा रहे हैं, उन कामों के लिए अब रोबोटिक तकनीक का सहारा लिया जाएगा और इंसानों के मुकाबले इनकी उत्पादकता भी अधिक होगी, जिस कारण से इंसानों में बेरोजगारी की समस्या बढ़ने की संभावना है.

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