दूसरों की दुःख, तकलीफ़ को समझने वाला यूगांडा का ये सोल्जर ज़रूरतमंदों को दे रहा है जूते

Kratika Nigam

पिछले आठ महीनों से यूगांडा की राजधानी कंपाला में इयान हाई कमिशन ऑफ़ यूगांडा में कार्यरत हैं. वो इसके साथ-साथ उन ज़रूरतमंदों की मदद करते हैं जिनके पास पहनने के लिए जूते नहीं हैं. इसके लिए वो पूरी शिद्दत से अपनी ज़िम्मेदारी को निभा रहे हैं. इस बात की ओर उनका ध्यान तब गया जब उन्होंने एक स्थानीय मुक्केबाज़ी क्लब में एक रनिंग ग्रुप शुरू किया, जहां उन्होंने धावकों के जूतों की ख़राब हालत देखी.

इयान कहते हैं,

मैंने नीचे देखा और देखा कि लड़कों के जूते खराब थे. मैं लंदन से हूं. मुझे और मेरे परिवार को जो मिला है उसे पाकर मैं बहुत ख़ुश हूं, लेकिन मैं इन लोगों की गरीबी देखकर अंदर ही अंदर दुखी भी हूं. 

ये सब देखने के बाद भी इयान मुस्कुराए और इन लोगों की मदद करने की ठानी.

इसलिए इयान ने अपने उन जूतों को निकाला जो वो अब नहीं पहनते. उन्हीं जूतों को दान में देने का फ़ैसला किया. उन्होंने इसमें अपने दोस्तों और परिवारवालों को भी जोड़ा और उनसे भी अपने फालतू जूतों को दान में देने के लिए प्रोत्साहित किया.

मैंने उन सारे जूतों में से उन जूतों को अलग निकाल दिया, जो ब्रिटिश सेना में एडजुटेंट जनरल कॉर्प्स का हिस्सा हैं.

इयान ने बताया,

जब मैं कंपाला से बाहर निकलता हूं , तब मैंने कई लोगों को बिना जूते के सड़कों पर चलते देखा है. इसलिए मैं अपनी गाड़ी के पीछे जूते रखता हूं ताकि अगर मुझे बिना जूते के कोई दिखाई दे, तो मैं उसे जूते दे सकूं.

इयान के पास जैसे-जैसे और जूते आए, उन्होंने उन जूतों को अनाथालय के बच्चों को देना शुरू किया. उन्होंने बताया,

जो चीज़ हमारे लिए लेना इतना आसान है वो चीज़ उन बच्चों के चेहरे पर जो मुस्कान लेकर आई उसे भूल पाना असंभव है. कुछ बड़े लोगों ने तो मुझे आशीर्वाद दिया कि भगवान तुम्हें ख़ुश रखे.

जब इयान ने अपने इस नेक काम को सोशल मीडिया पर शेयर किया और लोगों से भी मदद करने की अपील की तो उन्हें लोगों की अच्छी प्रतिक्रियाएं और सहयों मिला. 

कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि उन्होंने अपने स्थानीय क्षेत्र में जूते इकट्ठे करने के लिए स्टेशन बनाए हैं. बहुत से लोगों ने ऐसे जूते भेजे हैं जो शायद ही कभी पहने गए हों और अच्छी स्थिति में हैं.

अब तक इयान को ब्रिटेन से सबसे ज़्यादा जूते भेजे गए हैं, लेकिन उन्हें दुनिया के अन्य हिस्सों से भी उम्मीद है.

kellogg

इयान कहते हैं,

सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों की अच्छी प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. लोग अब कपड़े भी भेजना चाहते हैं. मगर मैं अकेला हूं तो ये संभव नहीं हो पा रहा था. इसलिए मैंने अपनी बेटियों को भी सहयोग करने के लिए कहा.

अब इयान अधिक से अधिक स्कूलों और अनाथालयों में जाना चाहते हैं विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोगों के पास जूते नहीं हैं, ख़ासकर बच्चों के लिए. 

Life से जुड़े आर्टिकल ScoopwhoopHindi पर पढ़ें.

आपको ये भी पसंद आएगा
बेवफ़ा समोसे वाला: प्यार में धोखा मिला तो खोल ली दुकान, धोखा खाये लवर्स को देता है डिस्काउंट
जानिये दिल्ली, नई दिल्ली और दिल्ली-NCR में क्या अंतर है, अधिकतर लोगों को ये नहीं मालूम होगा
जानिए भारत की ये 8 प्रमुख ख़ुफ़िया और सुरक्षा जांच एजेंसियां क्या काम और कैसे काम करती हैं
मिलिए गनौरी पासवान से, जिन्होंने छेनी व हथोड़े से 1500 फ़ीट ऊंचे पहाड़ को काटकर बना दीं 400 सीढ़ियां
ये IPS ऑफ़िसर बेड़िया जनजाति का शोषण देख ना पाए, देखिए अब कैसे संवार रहे हैं उन लोगों का जीवन
अजय बंगा से लेकर इंदिरा नूई तक, CEO भाई बहनों की वो जोड़ी जो IIM और IIT से पास-आउट हैं