प्यार में कोई नियम, कोई हद और कोई शर्त नहीं होती, इस कपल की प्यारभरी कहानी यही कह रही है

Kratika Nigam

दो लोगों में प्यार हो तो शादी का बंधन उसे और मजबूत बना देता है क्योंकि फेरे के समय का वो वचन की मौत से पहले हमें कोई अलग नहीं करेगा, वो जीने के लिए काफ़ी होता है. शादी के वचन और प्यार को बख़ूबी निभाती इन दो लोगों की कहानी किसी को भी रुला देगी. The Humans of New York की ये कहानी जिसे एक बेटी बता रही है और ये प्यारभरी कहानी उसके मम्मी-पापा की है.

 एक बेटी अपने पिता के बारे में बता रही है, जो दुनिया में किसी भी चीज़ से ज़्यादा उसकी मां से प्यार करते थे

उनकी पांच बेटियां थीं, लेकिन जब भी बिज़नेस ट्रिप के बाद घर आते थे तो सबसे पहले वो मम्मी को प्यार करते थे. हालांकि हम पांचों बहनें लाइन में खड़े होते थे कि वो पहले हमें प्यार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं होता था क्योंकि मम्मी उनका पहला प्यार थीं. उनका प्यार एक जुनून की तरह था, वो उनके लिए गाते थे, उनको सराहते थे और उनको स्पेशल फ़ील कराने का कोई भी मौक़ा नहीं छोड़ते थे. 

उन्होंने आगे बताया,

वीकेंड में हम सभी एक लॉन्ग ड्राइव पर जाते थे, घंटों ड्राइव करने के दौरान पापा सिर्फ़ मम्मी के लिए गाने गाते थे. हमारे लिए ये एक सामान्य बात थी, क्योंकि हमको इसकी आदत थी, लेकिन हमारी संस्कृति में इस तरह का प्यार जताना सामान्य नहीं था. परिवार के लिए दायित्वों ने कभी उन्हें ये जताने से नहीं रोका कि वो उनका प्यार थीं. 

घर में होने वाली पार्टी को याद करते हुए बताया,

हम ऐसी पार्टीज़ अक्सर करते थे. सबलोग उसी दौर के गाने गाया करते थे, लेकिन पापा हमेशा पुराने गाने मम्मा के लिए गाते थे. उन्हें पापा का ये प्यार बहुत अच्छा लगता था. मगर हमारी दुनिया वीरान तब हुई जब मां को ब्रेन ट्यूमर हो गया.

इसके बाद तो जैसे उनका प्यार और बढ़ गया,

जब वो ठीक से चल नहीं पा रही थीं, तो पापा हमेशा उनके साथ रहते थे, वो जहां जाती थी उनका हाथ पकड़ कर ले जाते थे. यहां तक कि उनके बेड के बगल में ही बैठकर क़ुरान पढ़ते थे. कभी-कभी पढ़ते सो जाते थे, तो उठते ही फिर पढ़ने लगते थे.

वो दिन आ गया जब उनके शरीर ने जवाब दे दिया, तो पापा ने उनसे कहा,

उनके आख़िरी समय में पापा ने उनके पास झुककर कहा, तुम अकेली नहीं हो मैं तम्हारे पास आ रहा हूं. 

हर दिन वो मम्मी की क़ब्र पर जाते थे, जबकि हमने उनसे जाने को मना किया था. उन्होंने मम्मा की क़ब्र के बगल में ज़मीन लेने के लिए अप्लाई किया था. इसके चलते वो हर घंटे हमसे पूछते थे क़ब्रिस्तान से कोई फ़ोन आया था क्या?

जब क़ागज़ी कार्रवाई का समय आया तो वो शांत हो गए. उनकी आत्मा तो मम्मा के पास थी ही अब उनका शरीर भी उनके पास जाना चाहता था. तभी एक सुबह वो हमारे सामने के दरवाज़े पर आए और मुझे बताया कि वो अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं. मैं उनके जूते लेने के लिए जैसे फ़र्श पर झुकी वो फ़र्श पर गिर गए, जब तक एंबुलेंस आई वो जा चुके थे.  

प्यार की कई परिभाषाएं और कहानियां हो सकती हैं, लेकिन इनके पिता ने बताया प्यार में कोई हद और कोई नियम नहीं होते हैं. हम आशा करते हैं कि दोनों जहां भी होंगे ख़ुश और एक-दूसरे के प्यार में होंगे. 

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