What Is Pretha Kalyanam: असम से आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस वीडियो में एक पुरुष अपनी मृत गर्लफ्रेंड से को सिंदूर लगाते दिखाई दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वीडियो में दिख रहे शख़्स का नाम बिटुपन तमुली है.
मृत लड़की प्रार्थना से वो प्यार करता था. मगर कुछ दिनों पहले ही उसकी तबियत अचानक ख़राब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन प्रार्थना की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और वो चल बसी. उसकी अंतिम इच्छा थी कि वो बिटुपन से शादी करे.
मृत्यु के बाद भी बिटुपन ने अपनी गर्लफ़्रेंड से किया वादा निभाते हुए उसके मृत शरीर से शादी की और आजीवन शादी न करने का प्रण भी लिया.
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ये तो थी असम के वायरल वीडियो की कहानी, लेकिन क्या आप जानते हैं दक्षिण भारत में ऐसी ही एक मिलती-जुलती अनोखी प्रथा है. इसे प्रेत कल्याणम के नाम से जाना जाता है. इसमें एक परिवार के लोग अपने मृत परिजनों की शादी करते हैं. इस प्रथा के बारे में कुछ समय पहले ट्विटर पर अरुण नाम के एक शख़्स ने विस्तार से बताया था. वो स्वयं इसमें शामिल हुए थे.
क्या होती है प्रेत कल्याणम प्रथा?
इस प्रथा एक परिवार के परिजन अपने मृत परिवार वालों की शादी करवाते हैं. जैसा आम शादी में होता है वैसे ही इसमें सारी रस्मों रिवाज़ निभाए जाते हैं. बस दूल्हा-दुल्हन की जगह उनके पुतलों को सजा-संवार कर विवाह की सारी रस्में पूरी की जाती हैं.
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ऐसे मृत लोगों की होती है शादी
इस ट्रेडिशन में उन्हीं बच्चों की शादी करवाई जाती है जिनकी मृत्यु बचपन में हो जाती है. वर और वधु की ऐसे ही तलाश की जाती जिसमें दोनों की मौत किसी वजह से बचपन में हो गई हो. इसके बाद उनकी कुंडलियां मिलाई जाती हैं, इसके सगाई और फिर शादी.
बच्चे शामिल नहीं होते
इस शादी में दोनों परिवार के लोग शामिल होते हैं, सिवाय बच्चों के. इस प्रथा में बच्चों को शामिल नहीं किया जाता. आम शादी की तरह ही उनके फेरे करवाए जाते हैं और मंगलसूत्र भी पहनाया जाता है. शादी के बाद सभी लोगों को स्वादिष्ट भोजन भी खिलाते हैं.
यहां आज भी लोग निभाते हैं ये प्रथा
ऐसी शादी करना भी नॉर्मल शादी जितना ही मुश्किल है. जब तक दोनों परिवार पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो तब तक इसके भी टूटने का डर लगा रहता है. एक शादी का ज़िक्र करते हुए अरुण ने ये बताया था कि वो शादी इसलिए टूट गई क्योंकि लड़की की उम्र लड़के से ज़्यादा थी. इस प्रथा को अभी कर्नाटक और केरल के कुछ क्षेत्रों में आज भी निभाया जाता है. केरल की तुलू संस्कृति का ये हिस्सा है.
क्यों होती है ऐसी शादी
ऐसी शादी करने के पीछे गहरी मान्यताएं भी हैं. लोगों का मानना है कि ऐसा करने से घर के अपशकुन दूर हो जाएंगे और घर-परिवार में समृद्धि आएगी. साथ ही ये मृतकों को सम्मान देना का उनका एक अनोखा तरीका भी है. हालांकि, जानकारी के अभाव और मॉर्डन कल्चर को अपनाने के चलते लोग इस प्रथा को भूलते जा रहे हैं, इसलिए ऐसा विवाह अब बहुत ही कम देखने को मिलते हैं.
इस प्रथा के बारे में आपका क्या ख़्याल है, कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताना.