Who is Priti Adani : भारत के मशहूर बिज़नेसमैन गौतम अडानी (Gautam Adani) को भला कौन नहीं जानता होगा. मौजूदा समय में वो अपने अडानी ग्रुप के शेयर्स में लगातार गिरावट के चलते लाइमलाइट में बने हुए हैं. इसके चलते कभी विश्व अरबपतियों की लिस्ट में टॉप 3 में जगह बनाने वाले अडानी 24वें नंबर पर आ चुके हैं. हालांकि, अडानी के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ़ के बारे में लोग बेहद कम जानते हैं.
कुछ समय पहले जब अडानी ग्रुप आसमान छू रहा था, तब उसकी सक्सेस के पीछे का एक चौथाई क्रेडिट गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी (Priti Adani) को भी दें, तो बिल्कुल ग़लत नहीं होगा. इसलिए आज हम आपको प्रीति अडानी के बारे में विस्तार से बताएंगे.
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कौन हैं प्रीति अडानी?
साल 1965 में मुंबई में गुजराती फ़ैमिली में जन्मी प्रीति अडानी ने अपनी डेंटल सर्जरी में ग्रेजुएशन अहमदाबाद के सरकारी डेंटल कॉलेज से की है. हालांकि, शादी के बाद उन्हें करियर छोड़ना पड़ा. गौतम अडानी से शादी के बाद वो 1996 में अडानी फ़ाउंडेशन की चेयरवीमेन बन गईं. अडानी ग्रुप को मैनेज करने के अलावा वो ग़रीबों के लिए परोपकारी कार्य भी करती हैं.
प्रीति अडानी ने किया था अडानी फ़ाउंडेशन का गठन
प्रीति अडानी ने 1966 में अडानी फ़ाउंडेशन का गठन सिर्फ़ दो टीम मेम्बर्स के साथ किया था और 21 सालों के बाद वो और उसकी नींव देश के 18 से अधिक राज्यों को कवर करने में सफ़ल रही है. डेंटिस्ट सर्जन पैपराज़ी के लिए शायद ही कभी पोज़ देती हैं या मीडिया में इंटरव्यू देती हैं, क्योंकि प्रीति हमेशा अपने काम पर अपना ध्यान मज़बूत रखना ज़्यादा पसंद करती हैं.
प्रीति अडानी ने अडानी ग्रुप का CSR बजट बढ़ाया
गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी ने गुजरात की लीडिंग महिला शिक्षिकाओं में से भी एक हैं, जो राज्य की साक्षरता दर बढ़ाने की ओर भी काम कर रही हैं. उनकी लीडरशिप के अंतर्गत, अडानी ग्रुप का CSR (कॉर्पोरेट की सामजिक ज़िम्मेदारी) बजट 2017-18 में 95 करोड़ रुपए से लेकर 2018-19 में 128 करोड़ रुपए तक बढ़ गया. साल 2001 में गुजरात के भुज में आए भूकंप के बाद, प्रीति अडानी ने बच्चों को प्रॉपर एजुकेशन देने के लिए मुंद्रा में अडानी DAV स्कूल शुरू किया. उनके इस मूव की देश भर के लोगों ने ही नहीं, बल्कि सरकार ने भी तारीफ़ की. कुछ सालों बाद प्रीति ने ये भी घोषणा की कि वो हायर सेकेंड्री तक अपने स्कूल में ग़रीब बच्चों को मुफ़्त में शिक्षा दे रही हैं.
प्रीति अडानी के अडानी फ़ाउंडेशन के चार कार्यक्रम
प्रीति अडानी द्वारा शुरू किया अडानी फ़ाउंडेशन मौजूदा समय में 2300 से ज़्यादा गांवों में सक्रिय है और देश के क़रीब 18 राज्यों में फ़ैला हुआ है. गरीबी, अशिक्षा, भुखमरी और कुपोषण से निपटने के लिए प्रीति ने अडानी फाउंडेशन के तहत चार अलग-अलग प्रमुख कार्यक्रम तैयार किए थे. इसमें स्किल डेवलपमेंट के लिए सक्षम, भुखमरी के लिए सुपोषण, एजुकेशन के लिए उत्थान और सफ़ाई के लिए स्वच्छाग्रह शामिल है.
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कोरोना महामारी के दौरान प्रीति अडानी का प्रमुख योगदान
कोरोना महामारी के दौरान, जब पूरी दुनिया इस घातक वायरस से निपटने के तरीक़े खोज रही थी, तब इसका सबसे ज़्यादा प्रभाव भारत की लेबर क्लास पर पड़ रहा था. अस्पताल में बेड ना मिलने से लेकर मूलभूत सुविधाओं के लिए लड़ने तक, देश में ग़रीब लोगों की स्थिति डराने वाली थी. इस दौरान भी प्रीति अडानी ने ग़रीब लोगों को बेसिक सुविधाएं दिलवाई. खाना बांटने से लेकर फ्रंटलाइन वर्कर्स को PPE किट देने तक, प्रीति के अडानी फाउंडेशन ने कई लोगों को कोरोना महामारी से लड़ने में मदद की.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रीति अडानी के परोपकारी कार्यों ने सामाजिक कार्यों को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है. फ्लो वीमेन फिलैंथ्रोपिस्ट अवार्ड (2010-11) जैसे पुरस्कारों से सम्मानित होने से लेकर देश के अन्य व्यापारिक संगठनों के लिए प्रेरणा का एक निरंतर स्रोत होने तक, प्रीति ने अपने अथक प्रयासों से लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है.