लकड़ी की गाड़ी में बैठी गर्भवती महिला और उसे खींचते हुए मज़दूर की ये तस्वीर उसकी बेबसी की झलक है

Akanksha Tiwari

ग़रीबी और मज़बूरी इंसान से कुछ भी करा सकती है. इन दिनों सोशल मीडिया पर मजबूरी भरी एक ऐसी ही फ़ोटो वायरल हो रही है. इसे देखने के बाद आपका मन भर आएगा. इंसानियत को झकझोर देने वाली ये कहानी बालाघाट के मज़दूर की है. इस मज़दूर ने गर्भवती पत्नी को लकड़ी की गाड़ी में बैठा कर 800 किमी तक का सफ़र तय किया. 

dailyhunt

8 माह की गर्भवती पत्नी के साथ लकड़ी की गाड़ी में उसकी बेटी भी थी. रामू नामक इस मज़दूर ने पहले तो बेटी को गोद में उठाकर कुछ दूर चलना शुरू किया. पर सफ़र लंबा था. इसलिये वो उसे ज़्यादा दूर पैदल लेकर न चला सका. रामू का ये सफ़र हैदराबाद से शुरू हुआ था और 17 दिनों तक पैदल चलने के बाद वो आखिरकार बालाघाट पहुंच गया. रामू का कहना है कि रास्ते में उसने जंगल से कुछ लकड़ियों और लाठियों की मदद से एक गाड़ी बनाई. गाड़ी में बेटी-बीवी को बिठाया और उसे खींचते हुए घर की ओर चलता रहा. 

वहीं जैसे ही उसने महाराष्ट्र के ज़रिये अपने पैतृक गांव में कदम रखा, तो उप-विभागीय अधिकारी नितेश भार्गव के नेृतत्व में एक पुलिस दल ने दंपत्ति को खाने के लिये भोजन और बिस्कुट दिया. इसके साथ रामू की दो वर्षीय बेटी को चप्पल भी दी. इसके साथ ही उसे घर तक पहुंचाने के लिये एक गाड़ी का भी इंतज़ाम किया. मज़दूर का कहना है कि उसने घर वापसी के लिये तमाम गुज़ारिशें लगाईं, पर किसी ने एक न सुनी. तब जाकर उसे बेबसी में घर के लिये पैदल निकलना पड़ा. 

https://telugu.oneindia

प्रवासी मज़दूर इतना बेबस हो गया था कि वो बिना कुछ खाये ही .यात्रा कर रहा था. वहीं नितेश भार्गव का कहना है कि मज़दूर को गाड़ी से उसके घर पहुंचा दिया गया है. परिवार 14 दिनों के घर में क्वारंटीन में रहेगा. 

Life के आर्टिकल पढ़ने के लिये ScooWhoop Hindi पर क्लिक करें. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे