वर्तमान में जिस तरह की ज़िंदगी हम जी रहे हैं उसमें स्ट्रेस होना बहुत आम बात है. American Psychiatric Association की एक स्टडी के अनुसार, चिंता और तनाव का स्तर काफ़ी बढ़ गया है. वर्कप्लेस का स्ट्रेस, घर का स्ट्रेस, EMI समय पर जाने का स्ट्रेस और ऐसे न जाने कितनी बातें हैं जो हमारे स्ट्रेस लेवल को बढ़ावा देती हैं. निरंतर बढ़ते तनाव से हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ दिमाग़ पर भी बुरा असर पड़ता है.
आज हम इसी स्ट्रेस के बारे में बात करेंगे औ बताएंगे कि स्ट्रेस आपके दिमाग़ को कैसे नुकसान पहुंचाता है.
1. नेगेटिव सोच और भावनाओं को कंट्रोल न कर पाना
हम सब में एक बुरी आदत होती है कि हम पॉज़िटिव चीज़ों से ज़्यादा नेगेटिव के बारे में सोचते हैं. जिसकी वजह से हमारा हर चीज़ से कंट्रोल ख़त्म होने लगता है. हमारे बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं. न्यूरोसाइंटिस्ट्स द्वारा 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि तनाव के हल्के स्तर पर भी भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई हो सकती है. इसलिए पॉज़िटिव रहने की कोशिश करें.
2. INSOMNIA या ज़्यादा सोना
तनाव के कारण नींद बहुत आती है या तो नींद नहीं आती है. ऐसे में इसका बुरा प्रभाव हमारे दिमाग़ पर पड़ता है. हमारी आज की लाइफ़स्टाइल में, बहुत से लोग क्रोनिक तनाव और अनिद्रा दोनों से पीड़ित हैं और कुछ विशेषज्ञों ने नींद न आना किसी महामारी की तरह ही है.
3. सिरदर्द बढ़ना
जब आप बहुत ज़्यादा तनाव महसूस करते हैं, उस समय दिमाग़ में कई तरह के नकारात्मक विचार चल रहे होते हैं, जो दिमाग़ पर बुरा असर डालते हैं. इससे आपको सिरदर्द की समस्या होने लगती है. जब सिरदर्द असहनीय लगे तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं.
4. ज़िम्मेदारियां न पूरी होना
जब आप लगातार तनाव में रहते हैं इससे आपकी एनर्जी पर बुरा असर पड़ता है. इसकी वजह से आपका स्वस्थ दिमाग़ अस्वस्थ होने लगता है. काम से संबंधित तनाव, विशेष रूप से महिलाओं में थकान को बढ़ा सकता है. थकावट का असर शरीर पर पड़ता है, जिससे इंसान अपने कई ज़रूरी ज़िम्देराियों को करने में असफल हो जाता है.
5. डिप्रेशन का ख़तरा बढ़ता है
तनाव होने पर डिप्रेशन होने का ख़तरा बढ़ जाता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ के वैज्ञानिकों ने पाया कि तनाव का लेवल पहले तेज़ होता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मस्तिष्क में सूजन और सेरोटोनिन और डोपामाइन का असंतुलन अवसाद का कारण हो सकता है.
6. भावनात्मक अवस्थाएं स्ट्रोक्स का कारण बन सकती हैं
उच्च तनाव का स्तर कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप को बढ़ा सकता है, जिससे स्ट्रोक होने का ख़तरा बढ़ सकता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की पत्रिका स्ट्रोक में प्रकाशित एक अध्ययन में, 45 से 84 वर्ष के बीच के 6,700 से अधिक व्यक्तियों ने तनाव के बारे में सवाल पूछे. उन्होंने गुस्से, शत्रुता और अवसाद जैसे ज़ोख़िम कारकों के बारे में सभी सवालों के जवाब दिए.
7. CORTISOL लेवल बढ़ने से दिमाग़ पर असर पड़ता है
कार्टिसोल एक प्रकार का स्टेरॉइड हार्मोन होता है. जिसका लेवल ज़्यादा हो जाने से मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है. न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, 40 और 50 के दशक में जिन व्यक्तियों का कोर्टिसोल का लेवल अधिक था, उनमें मस्तिष्क संकोचन अधिक था. बेहतर कोर्टिसोल स्तर वाले पुरुषों की तुलना में महिलाओं के मस्तिष्क संरचना में ज़्यादा अंतर था. कोर्टिसोल मस्तिष्क सहित शरीर के कई हिस्सों के काम करने के तरीक़े को प्रभावित करता है.
8. तनाव से याद्दाश्त प्रभावित होती है
तनाव बढ़ने से दिमाग़ पर ज़ोर पड़ता है. इसकी वजह से किसी बात को याद रखने में समस्या होने लगती है. हमारी याद्दाश्त में फ़र्क़ पड़ने से हम ज़रूरी बातों को भी भूलने लगते हैं.
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